रांची। झारखंड विधानसभा के बजट सत्र के चौथे दिन गुरुवार को खाद्य, सार्वजनिक वितरण एवं उपभोक्ता मामले विभाग के मंत्री रामेश्वर उरांव ने सदन में कहा कि 60 वर्ष के बाद जन वितरण प्रणाली के डीलरों की मृत्यु के बाद उनके आश्रितों को लाइसेंस देने पर विचार करेगी। वे विधायक रामदास सोरेन के सवाल पर जवाब दे रहे थे।
हालांकि, उन्होंने कहा कि यह अनुवांशिक व्यवस्था हो जाएगी, जो ठीक नहीं है। राज्य सरकार कॉमन सर्विस सेंटर और सेल्फ हेल्प ग्रुप के जरिये इसे आगे बढाने पर काम कर रही है। रामेश्वर उरांव ने कहा कि नियम यह है कि 18 साल से ऊपर वालों को लाइसेंस दिया जाता है। वो कबतक काम करेंगे, इसकी कोई उम्र सीमा नहीं है। जबतक सक्षम रहते हैं, काम करते हैं। 60 वर्ष के अंदर मृत्यु होने पर विभाग उनके आश्रितों को लाइसेंस देती है। प्रदीप यादव और मथुरा महतो के आग्रह पर बाद में मंत्री ने कहा कि कुछ मामले ऐसे आये हैं, जिनमें 60 वर्ष के बाद तक काम करने वाले डीलर की मृत्यु से आश्रितों को लाइसेंस देने की मांग हुई है।
विधायक रामदास सोरेन ने सरकार से पूछा था कि क्या सरकार 60 वर्ष के बाद तक काम करने वालों के आश्रितों को लाइसेंस देने का विचार है। इसी पर प्रदीप यादव ने कहा कि जब 60 वर्ष के बाद भी काम कर सकते हैं तो उनके आश्रितों को अनुकंपा के आधार पर लाइसेंस क्यों नहीं दिया जा सकता है।
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