विवेकानंद जयंती पर युवाओं का महाजुटान, सोशल मीडिया का सकारात्मक उपयोग करने की अपील

रांची : राष्ट्रीय युवा दिवस सह स्वामी विवेकानंद की जयंती पर रांची आर्यभट्ट सभागार में सांस्कृतिक राष्ट्रवाद संगोष्ठी का आयोजन किया गया. यह आयोजन मुख्य रूप से रांची विश्वविद्यालय, राष्ट्रीय सेवा योजना, नेहरू युवा केन्द्र संगठन एवं राष्ट्र प्रथम के संयुक्त तत्वाधान में किया गया था. मुख्य वक्ता के रूप में सुप्रीम कोर्ट के वरिष्ठ अधिवक्ता और पीआईएल मैन ऑफ इंडिया के नाम से चर्चित अश्विनी उपाध्याय मौजूद रहे. मुख्य अतिथि के रूप में रांची के सांसद संजय सेठ मौजूद थे. वक्ताओं ने युवाओं से सोशल मीडिया का सकारात्मक उपयोग करने की अपील की.

सांसद संजय सेठ ने कहा कि स्वामी विवेकानंद ने कहा था कि उठो जागो और लक्ष्य की प्राप्ति तक रुको मत. हमारा अभी एकमात्र लक्ष्य है 2047 तक विकसित भारत का निर्माण करना. सांसद ने कार्यक्रम में मौजूद युवाओं को विकसित भारत के लिए काम करने की शपथ दिलाई.

 

वोकल फॉर लोकल का दिया संदेश

मुख्य वक्ता अश्विनी उपाध्याय ने कहा कि भारत आजाद तो हुआ परंतु आज भी हम गुलामी की मानसिकता में जी रहे हैं. यहां बैठे युवाओं से मैं आह्वान करता हूं की 2047 तक हम ऐसे भारत का निर्माण करें, जहां सब कुछ भारत का ही हो. जब सब कुछ भारत का ही होने की बात आती है, तो हमें प्राथमिकता के साथ प्रधानमंत्री जी के स्लोगन वोकल फॉर लोकल को अपने दैनिक जीवन में अपनाना होगा. हम जितने वोकल फॉर लोकल के लिए मुखर होंगे, हमारा भारत उतना ही समृद्ध होगा. उन्होंने कहा कि अंधेरा हटे, अंधेरा छंटे इसलिए जरूरी है कि हर तरफ रोशनी पहुंचे.

2037 तक भारत विकसित राष्ट्र

उन्होंने सभागार में बैठे युवाओं से यह भी कहा यदि आप सब मिलकर, साथ चलकर काम करें तो 2047 नहीं 2037 तक ही भारत विकसित राष्ट्र बनकर खड़ा होगा. भारत दुनिया का मार्गदर्शक बनेगा. यह भी कहा कि हम राम राज्य की बात करते हैं. रामायण या रामचरितमानस कोई धार्मिक किताब नहीं है. यह हमारे जीवन का मार्ग बताने वाली पुस्तक है. रामराज्य की कल्पना मतलब ऐसा भारत, जहां सब कुछ न्याय पूर्ण हो. जहां कोई दु:खी नहीं हो. भारत को ऐसे ही कानून बनाने की आवश्यकता है. उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गुलामी के प्रतीक कई कानून को समाप्त किया है. भारत के संविधान ने संस्कृत और हिंदी को अनिवार्य करने की बात कही है, परंतु कालांतर की सरकारों ने इसे भुला दिया. उन्होंने कहा कि भारत को भारत बनाना है, भारत को विश्व गुरु बनाना है तो भारतीय भाषा को सबके लिए अनिवार्य करना चाहिए.

कार्यक्रम में ये रहे मौजूद

कार्यक्रम की अध्यक्षता रांची विश्वविद्यालय के कुलपति डॉ अजीत कुमार सिन्हा ने की. इस कार्यक्रम में सम्मानित अतिथि के रूप में वरिष्ठ पत्रकार बैजनाथ मिश्र, नेहरू युवा केंद्र की राज्य प्रमुख हनी सिन्हा, पूर्व राज्यसभा सांसद अजय मारू, रांची के पूर्व डिप्टी मेयर संजीव विजयवर्गीय और राष्ट्र प्रथम के संयोजक चंद्रकांत रायपत मौजूद रहे.

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