अदाणी फाउंडेशन ने स्वयं–सहायता समूह की महिलाओं के बीच बांटे रसोई-बर्तन सेट

बड़कागांव (हजारीबाग) : गोंदलपुरा खनन परियोजना के तहत अदाणी फॉउंडेशन ने परियोजना प्रभावित गांवों की महिलाओं के बीच रसोई बर्तन सेट का वितरण किया. इस अवसर पर गोन्दलपुरा, गाली, बलोदर और आसपास के गांव की सौ से अधिक महिलाएं मौजूद थीं. कार्यक्रम का आयोजन स्वयं सहायता समूह की महिलाओं के बीच उत्साह का संचार करते हुए उन्हें प्रोत्साहित करने के लिए किया गया था. इसी कड़ी में हर एक महिला को बर्तन सेट दिया गया ताकि वे अपने कार्यों में बढ़-चढ़ कर हिस्सा लेते रहें और स्वरोजगार के लिए लगातार कार्यरत रहें.

कार्यक्रम में महिलाओं ने इसे अदाणी फॉउंडेशन का एक सराहनीय कदम बताते हुए कहा कि इस प्रयास से जुड़कर उनका भविष्य बेहतर होगा. महिलाओं ने यह भी कहा कि उनके घरेलू जरूरतों के हिसाब से उन्हें सेट प्रदान किया गया है, जो उनकी दैनिक जरूरतों को पूरा करेगा. कार्यक्रम में शामिल होकर महिलाएं बेहद उत्साहित नजर आईं.

महिलाओं के उत्थान के लिए लिए चल रही कई योजनाएं

बड़कागांव प्रखंड में अदाणी फाउंडेशन की ओर से महिलाओं के उत्थान के लिए विभिन्न योजनाएं चलाई जा रही हैं. इस कड़ी में सिलाई-कढ़ाई के साथ-साथ कंप्यूटर की निशुल्क ट्रेनिंग दी जा रही है. इसके अलावा छात्र-छात्राओं के लिए एकलव्य छात्रवृति योजना शुरू की गयी है. स्वरोजगार को ध्यान में रखते हुए गंगा एसएचजी का सफल क्रियान्वयन किया जा रहा है. अभी हाल ही में बड़कागांव प्रखंड के युवाओं के लिए सेना बहाली प्रशिक्षण के पहले बैच की शुरुआत कर दी गयी है. यहां से प्रशिक्षण पाकर 30 युवा भारतीय सेना, अग्निवीर, सीआरपीएफ, बीएसएफ, आटीबीपी, सीआईएसएफ और पुलिस में बहाल होकर देश की सेवा में जा सकते हैं. इस अवसर पर उपमहाप्रबंधक संजय कुमार, उपमहाप्रबंधक (सुरक्षा) पुण्डरीक मिश्रा, सेवानिवृत पुलिस उपाधीक्षक सूर्य कुमार सिंह और  सीएसआर के उपप्रबंधक मोहित गुप्ता समेत अन्य लोग मौजूद थे.

स्वास्थ्य और शिक्षा के बाद रोजगार के लिए हो रही है सार्थक कोशिश

अदाणी फाउंडेशन की ओर से बड़कागांव प्रखंड के विभिन्न इलाकों में लगातार नि:शुल्क मेडिकल कैम्प और नेत्र जांच शिविर लगाए जाए रहे हैं, जहां ग्रामीणों के इलाज के साथ-साथ उन्हें आवश्यक दवाईयां और चश्मे प्रदान किए जा रहे हैं. इसके अलावा हरली हाई स्कूल में विज्ञान और गणित विषय के शिक्षक भी नियुक्त किए गए हैं, ताकि विद्यार्थियों को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा मिल सके और उन्हें पढ़ाई के लिए बाहर नहीं जाना पड़े.

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