कहानी IPS अनुराग आर्य की… मुख्तार अंसारी से टक्कर लेकर पहली बार शुरू की कार्रवाई

IPS ANURAG ARYA vs MUKHTAR ANSARI : माफिया डॉन मुख्तार अंसारी नाम ही काफी था. जिस सड़क से मुख्तार अंसारी का काफिला गुजरता आम जनता खुद सड़क बदल लेती थी. मुख्तार अंसारी का नाम अपराध की दुनिया में उसके कद काठी के हिसाब से था. उससे टक्कर लेने की किसी में हिम्मत न थी. मुख्तार अंसारी जिस जेल में रहता, जेलर खुद उस जगह को छोड़कर दूसरी जगह तबादला करवा लेते थे. या फिर कोई जेलर उस जेल में नौकरी करने को तैयार नहीं होता था.

लेकिन, इन सब के बीच मुख्तार अंसारी से टक्कर लेने वाले उस IPS ANURAG ARYA की कहानी भी दिलचस्प है. पहली बार किसी आईपीएस अधिकारी ने मुख्तार अंसारी से टक्कर ली और उसके ठिकानों पर बुलडोजर चलाया. इतना ही नहीं उसके खिलाफ एफआईआर भी दर्ज कर कार्रवाई शुरू की.

आईपीएस अनुराग आर्य 2013 बैच के अधिकारी

मुख्तार अंसारी से टक्कर लेने वाले आईपीएस अनुराग आर्य 2013 बैच के अधिकारी है. वह उत्तर प्रदेश के बागपत जिले के छपरौली के रहने वाले है. उनकी शुरुवाती पढ़ाई सरस्वती शिशु मंदिर से हुई. उसके बाद 2013 में यूपीएससी सिविल सेवा मुख्य परीक्षा में बैठे और उनका चयन आरबीआई में हो गया. कुछ माह नौकरी करने के बाद फिर से परीक्षा दी और आईपीएस की नौकरी मिल गयी. फिर उन्होंने आरबीआई की नौकरी छोड़कर आईपीएस की नौकरी जॉइन की.

मऊ में रहते हुए मुख्तार अंसारी से ली पहली बार टक्कर

IPS अधिकारी अनुराग आर्य वर्ष 2019-2020 तक मऊ में थे. यही पर उन्होंने पहली बार मुख्तार अंसारी से टक्कर ले और बड़ी कार्रवाई की. मुख्तार के बूचड़खाने पर कार्रवाई करते हुए उसके 26 लोगों के खिलाफ गुंडा एक्ट के तहत कार्रवाई शुरू की. फिर मुख्तार अंसारी के करीबी अनुज कनौजिया के घर पर बुलडोजर चला दिया. इसके बाद से ही अनुराग आर्य चर्चा में आये और आम जनता में आईपीएस का नाम चर्चा का विषय बना. फिर मुख्तार अंसारी और उसके भाई के आर्थिक साम्राज्य पर बड़ा प्रहार किया और करोड़ों की संपत्ति को जप्त किया था. जिसके बाद मुख्तार अंसारी गिरोह की कमर टूट गयी थी.

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