वैज्ञानिकों को है सूर्य ग्रहण का बेसब्री से इंतजार, NASA ने बनाया ये खास प्लान

वॉशिंगटन : 8 अप्रैल को सूर्य ग्रहण लगने जा रहा है. सूर्य ग्रहण एक बहुत ही दुर्लभ खगोलीय घटना है. लोग इसे देखने का इंतजार कर रहे हैं. लेकिन वैज्ञानिक भी सूर्य ग्रहण का बेसब्री से इंतजार कर रहे हैं. क्योंकि इस दौरान कई प्रयोग किये जायेंगे. वैज्ञानिक जानवरों से जुड़े प्रयोग करेंगे.

जानकारी के मुताबिक 8 अप्रैल को एक दुर्लभ खगोलीय घटना देखने को मिलेगी. उत्तरी अमेरिका में पूर्ण सूर्य ग्रहण लगेगा. यह ग्रहण मेक्सिको के तट से लेकर अमेरिका और कनाडा तक फैला रहेगा. ग्रहण तब होता है जब चंद्रमा सूर्य और पृथ्वी के बीच आ जाता है. इससे चंद्रमा की छाया पृथ्वी पर पड़ती है. जहां यह छाया पड़ती है वहां दिन रात जैसा दिखता है. यह घटना हर 18 महीने में पृथ्वी पर कहीं न कहीं घटती है. 8 अप्रैल को होने वाला ग्रहण बड़ी मात्रा में आबादी वाली भूमि से होकर गुजर रहा है. इसी वजह से वैज्ञानिक इस पर विशेष ध्यान देते हैं.

शोधकर्ता सूर्य ग्रहण के दौरान एक बहुत ही विशेष अवलोकन के लिए तैयार हैं. एनसी स्टेट यूनिवर्सिटी के एडम हार्टस्टोन-रोज़ के नेतृत्व में इस बात पर अध्ययन किया जाएगा कि ग्रहण का वन्यजीवों पर क्या प्रभाव पड़ेगा. उन्होंने 2017 के ग्रहण के दौरान अपनी टीम को कई चिड़ियाघरों में भेजा. इस दौरान वह हैरान रह गए. जैसे ही अंधेरा हुआ, गोरिल्लाओं का एक समूह शाम के भोजन के लिए अंदर आया, लेकिन फिर दिन होने पर वे खाली हाथ रह गए. उन्होंने कहा कि पूर्ण ग्रहण के दौरान अफ्रीका में जिराफ सरपट दौड़ने लगे. यह आश्चर्य की बात थी क्योंकि वे बहुत निष्क्रिय प्राणी हैं.

जानवरों की आवाज़ की जाएगी रिकॉर्ड

इस बार उन्होंने ग्रहण के दौरान 20 से अधिक प्रजातियों के जानवरों की निगरानी के लिए टेक्सास के फोर्ट वर्थ चिड़ियाघर में टीम तैनात की है. आम लोगों से भी कहा गया है कि अगर उन्हें ग्रहण के दौरान जानवरों में कुछ अजीब दिखे तो इसकी ऑनलाइन रिपोर्ट करें. ट्रे विंटर मैसाचुसेट्स में एडवांस्ड रिसर्च इन इंक्लूजन एंड स्टीम एक्सेसिबिलिटी (अरिसा) लैब में नासा के एक्लिप्स साउंडस्केप्स प्रोजेक्ट का नेतृत्व करेंगे. जंगल में जानवरों की आवाजें फोन के आकार के उपकरणों के जरिए रिकॉर्ड की जाएंगी. सूर्य ग्रहण के मार्ग में सैकड़ों यंत्र रखे जाएंगे. कुल मिलाकर तापमान में 5.5 डिग्री सेल्सियस की गिरावट आएगी. इसके बाद वैज्ञानिक देखेंगे कि जानवर इस पर कैसी प्रतिक्रिया देते हैं.