भारत और चीन के बीच लगातार बढ़ रहे सैन्य तनाव, जिनपिंग ने सेना को दिया निर्देश, तेज करें युद्ध की तैयारियां

Joharlive Desk

नई दिल्ली। भारत और चीन के बीच लगातार बढ़ रहे सैन्य तनाव के बीच चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग ने सबसे खराब स्थिति के बारे में सोचते हुए अपनी सेना को युद्ध की तैयारियां तेज करने का आदेश दे दिया। उन्होंने चीनी सेना से कहा है कि वह पूरी दृढ़ता के साथ देश की संप्रभुता की रक्षा करें। वहीं, इस विवाद पर भारत ने भी कड़ा रुख अपना लिया है। सरकार के सूत्रों के मुताबिक पूर्वी लद्दाख में चीन द्वारा लगातार माहौल खराब करने की कोशिश के बावजूद भारत लगभग 3,500 किलोमीटर लंबी चीन-भारत सीमा के साथ रणनीतिक क्षेत्रों में बुनियादी ढांचा विकास परियोजनाओं को नहीं रोकेगा।

करीब 20 लाख सैनिकों वाली सेना के प्रमुख जिनपिंग ने देश में चल रहे पीपुल्स लिबरेशन आर्मी (पीएलए) और पीपुल्स आर्म्ड पुलिस फोर्स के प्रतिनिधियों के साथ बैठक में हिस्सा लेने के दौरान यह निर्देश दिया। बता दें कि चीन की सेना दुनिया की सबसे बड़ी सेना है। 

चीन की सरकारी समाचार एजेंसी शिन्हुआ के मुताबिक जिनपिंग ने सेना को आदेश दिया है कि वह सबसे खराब स्थिति की कल्पना करें। उसके बारे में सोचें और युद्ध के लिए अपने प्रशिक्षण और तैयारियों में तेजी लाएं और हर मुश्किल परिस्थिति से प्रभावी तरीके से तत्काल निपटें। 

जिनपिंग का यह बयान वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) पर भारत और चीन के बीच करीब 20 दिन से जारी गतिरोध की पृष्ठभूमि में आई है। हाल के दिनों में लद्दाख और उत्तरी सिक्किम में भारत और चीन की सेनाओं ने अपनी उपस्थिति काफी हद तक बढ़ाई है। 

वहीं, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मंगलवार को राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल, चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ जनरल बिपिन रावत और तीन सेना प्रमुखों के साथ एक बैठक की। बैठक में रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह भी शामिल थे। राजनाथ सिंह ने इससे पहले तीनों सेना प्रमुखों के साथ मुलाकात कर हालात का जायजा लिया था।

रक्षा मंत्री ने शीर्ष सैन्य अधिकारियों से साफ कहा कि लद्दाख, सिक्किम, उत्तराखंड या अरुणाचल प्रदेश में लाइन ऑफ एक्चुअल कंट्रोल के पास किसी भी महत्वपूर्ण परियोजनाओं के कार्यान्वयन की समीक्षा की कोई आवश्यकता नहीं है।

दोनों पक्षों के बीच लगभग 20 दिनों के गतिरोध के मद्देनजर, भारतीय सेना ने उत्तरी सिक्किम, उत्तराखंड और अरुणाचल प्रदेश के अलावा लद्दाख में संवेदनशील सीमावर्ती इलाकों में अपनी उपस्थिति दर्ज कराने के साथ ही चीन को साफ संकेत दिया है कि वो किसी भी तरह के आक्रामक रवैये के आगे नहीं झुकेगा।