वेंकटेश प्रसाद का खुलासा, कद की वजह से ग्रेग चैपल ने दीपक चाहर को कर दिया था रिजेक्ट

नई दिल्ली. भारतीय क्रिकेटर दीपक चाहर ने श्रीलंका के खिलाफ दूसरे वनडे में सुर्खियां बटोरीं. उन्होंने सिर्फ 82 गेंदों में 69 रनों की मैच जिताऊ पारी खेली और 276 रनों के कठिन लक्ष्य का पीछा करते हुए भारत को शानदार जीत दिलाई. दिलचस्प बात यह है कि वह बल्लेबाजी के लिए उतरे और जब तक वे सेटल होते, भारत 7 विकेट के नुकसान पर 193 रन के साथ संघर्ष कर रहा था. 10 से ज्यादा ओवर बाकी थे, लेकिन दर्शकों को जीत नामुमकिन लग रही थी. लेकिन दीपक चाहर ने क्रीज पर उतरकर भुवनेश्वर कुमार को अपने साथ ले लिया. दोनों ने 8वें विकेट के लिए नाबाद 84 रनों की शानदार साझेदारी की. इसी के साथ भारत ने ना केवल दूसरा वनडे जीता, बल्कि श्रीलंका के खिलाफ वनडे सीरीज पर भी अपना कब्जा जमा लिया.

इससे पहले दीपक चाहर ने गेंद के साथ 53 रन देकर दो विकेट लिए, जिससे इस मैच में उनकी हरफनमौला क्षमता साबित हुई. इस बीच पूर्व भारतीय क्रिकेटर वेंकटेश प्रसाद ने खुलासा किया कि इसी दीपक चाहर को ग्रेग चैपल ने राजस्थान क्रिकेट एसोसिएशन (RCA) में उनके कार्यकाल के दौरान उनकी लंबाई की वजह से खारिज कर दिया था. प्रसाद ने यह भी बताया कि दीपक चाहर को विभिन्न करियर विकल्पों को भी तलाशने के लिए कहा गया था.

इस कहानी को साझा करने के पीछे वेंकटेश प्रसाद का इरादा था कि खिलाड़ियों को खुद पर विश्वास करना चाहिए और विदेशी कोचों को गंभीरता से नहीं लेना चाहिए. उन्होंने टीमों और फ्रेंचाइजीज को भारतीय कोचों और मेंटर्स पर विश्वास करने की सलाह दी, क्योंकि उन्हें भारत में प्रतिभा का बेहतर ज्ञान है.

वेंकटेश प्रसाद ने एक के बाद एक ट्वीट करते हुए लिखा, ”दीपक चाहर को ग्रेग चैपल ने आरसीए में उनकी ऊंचाई के लिए खारिज कर दिया था और एक अलग करियर देखने के लिए कहा था. और अब उन्होंने अकेले दम पर अपने उस कौशल से मैच जीता है, जिसमें वह दक्ष नहीं हैं. कहानी का नैतिक- खुद पर विश्वास करें और विदेशी कोचों को ज्यादा गंभीरता से न लें. अपवाद हैं, लेकिन भारत में ऐसी अद्भुत प्रतिभा के साथ अब समय आ गया है कि टीमें और फ्रैंचाइजीज यथासंभव भारतीय कोच और मेंटर रखने पर विचार करें.”

बता दें कि भारत और श्रीलंका के बीच सीरीज का तीसरा वनडे मैच शुक्रवार को कोलंबो में खेला जाएगा. सीरीज में जीत हासिल करने के बाद मेजबान टीम कुछ बेंच खिलाड़ियों को आजमा सकती है. यह देखना दिलचस्प होगा कि देवदत्त पडिक्कल, चेतन सकारिया और कृष्णप्पा गौतम को मौका मिलता है या नहीं. इसके अलावा, 10 सुपर लीग अंक दांव पर होने के कारण भारत अचानक परिवर्तन करने से भी सावधान रहेगा.