बिहार लोक सेवा आयोग 65वीं का फाइनल रिजल्ट जारी, रोहतास के गौरव सिंह बने टॉपर

रोहतास: बिहार लोक सेवा आयोग (BPSC) 65वीं का फाइनल रिजल्ट जारी हो गया है. रोहतास जिले के गौरव सिंह ने पूरे प्रदेश में टॉप किया है. नंबर वन रैंक लाने वाले गौरव ने इंजीनियरिंग की पढ़ाई की है, लेकिन नौकरी छोड़कर सिविल सेवा परीक्षाओं की तैयारी शुरू कर दी थी. ईटीवी भारत की टीम से बातचीत में पेशे से शिक्षिका मां ने बताया कि पिता की मौत के बाद मैंने ही पूरी तरह से पढ़ाया. सिर्फ सेल्फ स्टडी के बदलौत इस परीक्षा में नंबर वन आया है.

दरअसल, गौरव सिंह रोहतास जिला के शिवसागर प्रखंड के चमड़हा गांव के निवासी हैं. पूरे बिहार में पहले स्थान प्राप्त करने पर पूरे गांव में खुशी की लहर है. दिवंगत पिता मनोज सिंह तथा शिक्षिका माता शशि सिंह का पुत्र गौरव सिंह हैं. फिलहाल गौरव अभी पुणे में हैं. बता दें कि उनकी मां शशि सिंह गांव में कन्या विद्यालय में शिक्षिका हैं. पिता मनोज कुमार सिंह एयरफोर्स में थे. हालांकि उनका काफी पहले देहांत हो गया था.

गौरव की मां ने बताया कि गौरव शुरू से ही संघर्ष करता रहा है. 5वीं कक्षा तक उसकी पढ़ाई गांव में हुई है. फिर बनारस में 12वीं तक पढ़ाई की. जिसके बाद उन्होंने कलिंगा यूनिवर्सिटी भुनेश्वर से बीटेक किया. उन्होंने बताया कि सेल्फ स्टडी से उन्होंने ये सफलता हासिल की है. ये उसकी अंतिम मंजिल नहीं हैं. सफर में और आगे जाना है.

रअसल, बिहार लोक सेवा आयोग 65वीं का फाइनल रिजल्ट आज जारी हो गया है. इस परीक्षा में कुल 1142 उम्मीदवारों ने इंटरव्यू में भाग लिया था, जिनमें 422 को सफलता मिली है. जिसमें रोहतास के गौरव सिंह टॉपर बने हैं. वहीं, चंदा भारती को दूसरा स्थान मिला है, वहीं वरुण कुमार (नालंदा) को तीसरा स्थान मिला.

बता दें कि 65वीं BPSC में 14 विभागों में 423 पदों पर नियुक्ति की जानी है. इस साल सबसे अधिक ग्रामीण विकास पदाधिकारी के 110, बिहार शिक्षा सेवा के 72, डीएसपी के 62 पद हैं. जिनकी नियुक्ति को लेकर रिजल्ट जारी कर दिया गया है. दरअसल, प्रारंभिक परीक्षा के लिए 4 लाख 11 हजार 470 अभ्यर्थियों ने फॉर्म भरा था. 6 मार्च 2021 को प्रारंभिक परीक्षा के परिणाम आए थे. जिसके बाद 25 नवंबर से 28 नवंबर के बीच लिखित परीक्षा आयोजित की गई थी. प्रारंभिक परीक्षा में 6 हजार 517 अभ्यर्थी सफल हुए थे.

वहीं, प्रारंभिक परीक्षा के बाद मुख्य लिखित परीक्षा के परिणाम 30 जून 2021 को घोषित हुए. जिसके बाद मुख्य परीक्षा में कुल 1142 अभ्यर्थी सफल हुए. इसके बाद साक्षात्कार प्रक्रिया शुरू की गई थी. बता दें कि आयोग की ओर से इसके लिए साक्षात्कार प्रक्रिया सितंबर महीने के पहले सप्ताह में ही खत्म किया जा चुका है. इस प्रक्रिया में करीब दर्जनभर अभ्यर्थियों के दिव्यांगता प्रमाण पत्र पर आपत्ति दर्ज कराई गई थी. जिसके बाद आयोग ने सभी को मेडिकल जांच कराने का फैसला लिया था.