रांची: बेहतर शिक्षा से बेहतर समाज और राज्य बनता है. शिक्षा एक ऐसा जरिया है जो आपके भविष्य की दिशा तय करता है. व्यक्ति के समग्र विकास के लिए अच्छी शिक्षा अति आवश्यक है. यही वजह है कि हमारी सरकार शिक्षा व्यवस्था को मजबूत कर रही है. मुख्यमंत्री चम्पाई सोरेन ने शनिवार को चाईबासा के टाटा कॉलेज मैदान में कोल्हान विश्वविद्यालय के अंतर्गत पश्चिमी सिंहभूम जिले के बंदगांव और हाटगम्हरिया में डिग्री कॉलेज एवं विभिन्न योजनाओं के उद्घाटन-शिलान्यास तथा लाभुकों के बीच परिसंपत्ति वितरण समारोह को संबोधित कर रहे थे. उन्होंने कहा कि अब आपको कॉलेज की पढ़ाई के लिए बाहर जाने की जरूरत नहीं है. आपके गांव या आसपास में डिग्री कॉलेज खोला जा रहा है, जहां आप अपनी पढ़ाई कर सकते हैं. इसके लिए अब आपको शहरों का रुख नहीं करना होगा. ग्रामीण इलाकों में बच्चों को प्राइमरी से लेकर कॉलेज तक की बेहतर शिक्षा देने के लिए सरकार प्रतिबद्ध है. इस अवसर पर मंत्री दीपक बिरुवा, विधायक जोबा मांझी, सुखराम उरांव और दशरथ गागराई, जिला परिषद अध्यक्ष लक्ष्मी सोरेन और कोल्हान प्रमंडल के आयुक्त और डीआईजी समेत जिला प्रशासन के कई अधिकारी मौजूद थे.
प्राथमिक विद्यालय से ही बच्चों को मिलेगी मातृभाषा में शिक्षा
मुख्यमंत्री ने कहा कि जनजातीय और क्षेत्रीय भाषाओं को आगे बढ़ाने के लिए सरकार निरंतर प्रयास कर रही है. इस कड़ी में अब प्राथमिक विद्यालयों से कुड़ुख, हो, मुंडारी और संथाली जैसी जैसी जनजातीय और क्षेत्रीय भाषाओं की पढ़ाई शुरू की जा रही है. इसके लिए विशेषज्ञ शिक्षकों की नियुक्ति करने के निर्देश दे दिए गए हैं. हमारी सरकार जनजातीय और क्षेत्रीय भाषाओं को संरक्षित करने के साथ उसे अलग पहचान देने की दिशा में काम कर रही है.
शिक्षा व्यवस्था को मजबूत करने के लिए कई योजनाएं
मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य की शिक्षा व्यवस्था को मजबूत करने के लिए सरकार द्वारा कई योजनाएं शुरू की गई है. यहां के शिक्षण संस्थानों को जरूरी संसाधन और सुविधाएं उपलब्ध कराई जा रही है. गरीब बच्चों को अपने ही गांव -घर में क्वालिटी एजुकेशन देने के लिए स्कूल ऑफ एक्सीलेंस तथा मॉडल स्कूल खोले गए हैं. आर्थिक तंगी की वजह से बच्चों की पढ़ाई बाधित न हो, इसके लिए छात्रवृत्ति की राशि में तीन गुना इजाफा किया गया है. छात्राओं को सावित्रीबाई किशोरी सावित्री योजना से जोड़ा जा रहा है. गुरुजी क्रेडिट कार्ड योजना के जरिए विद्यार्थियों को मेडिकल इंजीनियरिंग जैसे कोर्सेज करने के लिए 15 लाख रुपए तक शिक्षा ऋण दिया जा रहा है. मांकी मुंडा छात्रवृत्ति योजना के तहत छात्राओं को तकनीकी शिक्षा के लिए आर्थिक सहायता दी जा रही है. यहां के आदिवासी, दलित अल्पसंख्यक और पिछड़े वर्ग के विद्यार्थियों को विदेश में उच्च शिक्षा के लिए शत- प्रतिशत स्कॉलरशिप राज्य सरकार दे रही है.
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