लालू के ‘लाल’ ने की नीतीश कुमार की मिमिक्री, पेट पर हाथ फेरते हुए कहा-‘इसी में बिहार की जनता का माल’

पटना : हमेशा चर्चा में बने रहने वाले लालू के‘लाल’ एक बार फिर से चर्चा में आ गए है. समस्तीपुर में आयोजित एक कार्यक्रम के दौरान मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की मिमिक्री करते नजर आये. इस दौरान तेज प्रताप ने अपने पेट पर हाथ फेरते हुए कहा कि ‘सब कामुआ हो ही जाएगा.’ साथ ही इसका मतलब बताते हुए कहा कि पेट पर हाथ फेरने का मतलब आप जानते हैं. इसका मतलब है कि बिहार के नौजवानों और बिहार की जनता का पैसा लूटकर पेट में डाल लिये हैं. इसलिए वह हमेशा पेट पर हाथ फेरते रहते हैं. तेजप्रताप ने कहा कि शादी के भोज में लोग भर पेट खाने के बाद पेट पर हाथ फेर कर जैसे डकार निकलते हैं, यह भी वही करते हैं.

पीएम मोदी को लेकर की कॉमेडी

आगे तेजप्रताप ने कहा कि 2024 और 25 में सुदर्शन चलेगा और इंडिया महागठबंधन की सरकार आएगी. तेजप्रताप ने कहा कि डबल इंजन की सरकार है तब ही तो बिहार बेहाल है.वहीं पीएम मोदी के जलमग्न द्वारका शहर में डुबकी लगाएं जाने पर तेजप्रताप यादव ने कॉमेडी करते हुए कहा कि द्वारका में पनडुब्बी की तरह हेलमेट लगाकर अंडर वाटर में गए. द्वारका धाम तो हमारा है. भगवान कृष्ण हम यदुवंशियों के हैं. यदुवंशियों से सबलोग हड़कता है.

फिर पलटी मारेंगे नीतीश कुमार : तेज प्रताप

तेजप्रताप ने भाषण के क्रम में नीतीश कुमार पर तंज कसते हुए कहा कि वो मकड़ी का जाल फेंक रहे थे, लेकिन खुद उसमें फंस गए.आपको क्या लगता है? उधर गए हैं तो उधर से पलटी नहीं मारेंगे.जो नौ बार पलटी मार चुके हैं, उन पर क्या भरोसा कर सकतें है.नीतीश कुमार कसम खा लिए थे मर जाएंगे, मिट जाएंगे, लेकिन वहां नहीं जाएंगे.आजकल लोग झूठी कसम भी खाते हैं.

‘रोजगार का मतलब है पलटू राम’

तेजप्रताप यादव ने सीएम नीतीश कुमार के रोजगार देने वाले पोस्टर पर भी सवाल उठाया. उन्होंने कहा कि सब जगह कहने लगे हैं कि रोजगार का मतलब है पलटू राम, रोजगार का मतलब है निखट्टू राम और सब जगह पोस्टर लगवा रहे हैं. तेजप्रताप ने अपने पिता का नाम लेते हुए कहा कि रोजगार का मतलब है जमीन से जुड़ा हुआ नेता लालू प्रसाद यादव. ये रोजगार हैं.

आगे तेजप्रताप यादव ने कहा कि हम यात्रा पर निकलेंगे. जिसका नाम होगा कार्यकर्ता सम्मान यात्रा इस यात्रा पर हम साइकिल से निकल जाए या मोटरसाइकिल से निकल जाए.मोदी की तरह एसी वाला मंच नहीं लगाएंगे.अभी वो आए थे हमलोगों का रैली डिस्टर्ब करने के लिए. क्या हुआ सभी कुर्सी खाली थी.

‘हम बचपन में भागकर चले गए थे वृंदावन’

तेजप्रताप यादव ने धर्मिक बातें करते हुए कहा कि जब हम बचपन में वृंदावन भाग कर चले गए थे. तब पिताजी ने हमसे कहा कि तुम वृंदावन भाग रहे हो, कहीं साधु न बन जाना. माता ने कहा कि वृंदावन जाकर पूरा साधुआ गया है. इस पर हमने कहा कि आजकल के नौजवान धर्म की लाइन छोड़ रहे हैं.किसी नौजवान को कहा जाए कि समय पर खाना है, सो जाना है, तो वो नहीं होगा. फेसबुक चलेगा, मैसेंजर पर ऑनलाइन है. उसी नौजवानों को जब कॉल करोगे तो वेटिंग जाएगा.

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