लालकृष्ण आडवाणी को भारत रत्न देने के दौरान राष्ट्रपति खड़ी रहीं, उपराष्ट्रपति और पीएम बैठे दिखे, बंधु तिर्की बोले यह आदिवासियों का अपमान

रांची : झारखण्ड प्रदेश कांग्रेस कमेटी के कार्यकारी अध्यक्ष बंधु तिर्की ने सोमवार को पीएम नरेंद्र मोदी पर जमकर हमला बोला. उन्होंने कहा कि देश की प्रथम नागरिक राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू 31 मार्च को लालकृष्ण आडवाणी को उनके आवास पर भारतरत्न से सम्मानित करने पहुंची थी. इस दौरान उन्होंने आडवाणी को सम्मानित किया. वह खड़ी रहीं, जबकि उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ और प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी सहित सभी लोग बैठे रहे. उन्होंने कहा कि यह न केवल राष्ट्रपति के सर्वोच्च पद का अपमान है, बल्कि प्रधानमंत्री मोदी और भारतीय जनता पार्टी ने महिलाओं के साथ ही आदिवासियों को भी अपमानित किया है. साथ ही कहा कि अप्रत्यक्ष रूप में इसे यदि आदिवासियों एवं महिलाओं की प्रताड़ना कहा जाये तो यह गलत नहीं होगा. बंधु तिर्की ने यह भी कहा है कि देश के लगभग सभी संवैधानिक संस्थाओं को अपमानित करने और अधिकांश पर दबाव कायम करने के बाद मोदी सरकार और भारतीय जनता पार्टी प्रत्यक्ष-अप्रत्यक्ष रूप से न्यायालयों पर भी दबाव डालती रही है.

देश का बड़ा जादूगर है पीएम

हाल के दिनों में प्रधानमंत्री भगवान बिरसा मुंडा की जन्मस्थली उलिहातू भी आए थे. आदिवासियों के सम्मान के साथ ही गौरव दिवस भी मनाया गया. ये सब ढोंग रचने वाला देश का महान जादूगर है. उसे नौटंकीबाज कहना भी गलत नहीं होगा. उन्होंने कहा कि देशभर के आदिवासी दलितों का यह अपमान है. देशभर में इसकी निंदा होनी चाहिए. किस तरह से आदिवासी दलवितों का अपमान किया जा रहा है. इस बार चुनाव में मुद्दा बनाया जाएगा. जहां भी जाएंगे लोगों को इस तस्वीर को दिखाने का काम करेंगे. उन्होंने बीजेपी के आदिवासी कार्यकर्ताओं से कहा कि उन्हें चुल्लू भर पानी में डूब मरना चाहिए.

लोकतंत्र के लिए भी है घातक

उन्होंने कहा कि चुनावी राजनीति एक चीज है दूसरी तरफ, चुनाव में जीतना और हार जाना या फिर सत्ता में आना-जाना अथवा विपक्ष में रहना दूसरी चीज है. लेकिन इसका प्रभाव यदि राजनीतिक व्यवहार पर पड़ता है तो यह न केवल दुर्भाग्यपूर्ण है बल्कि देश के लोकतंत्र के लिये भी घातक है. जिस प्रकार से देश की चार सुप्रसिद्ध शख्सियतों को राष्ट्रपति भवन में एक दिन पहले ही भारतरत्न से सम्मानित किया गया था, उसी तरह का कार्यक्रम यदि राष्ट्रपति भवन में ही होता और आडवाणी सम्मानित होते तो यह कहीं अधिक गौरव की बात होती. यह सम्मान देश के सर्वोच्च राष्ट्रपति पद के साथ ही सबसे प्रतिष्ठित राष्ट्रपति भवन से भी जुड़ा हुआ है. यदि किसी कारण इस कार्यक्रम का आयोजन आडवाणी के आवास पर किया भी गया तो वहां सारे डिकोरम को पूरा करना चाहिये था और सम्मानित करने के दौरान उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ और प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के साथ ही सभी लोगों को सम्मान में खड़ा होना चाहिए था. ऐसा करना न केवल भारतरत्न जैसे देश के सबसे प्रतिष्ठित सम्मान के लिये आवश्यक था बल्कि देश के प्रथम नागरिक राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू के सम्मान के लिये भी आवश्यक था और यदि ऐसा होता तो इससे देश के सभी नागरिकों के साथ-साथ विशेष रूप से महिलाओं एवं जनजातीय समुदाय के लोगों के बीच भी एक सकारात्मक और अच्छा संदेश जाता.

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