‘सारंडा’ जंगल में होगा पहली बार मतदान, हेलीकॉप्टर से उतारा जाएगा सामान, भेजे जाएंगे 121 दल

रांची : झारखंड का अति नक्सल प्रभावित इलाका सिंहभूम लोकसभा क्षेत्र में पहली वार वोटिंग होंगी. यूं कह लें कि एशिया के सबसे घने ‘साल’ जंगल सारंडा में रहने वाले लोग दो दशक यानी 20 सालों के बाद अपने वोटिंग राइट का इस्तेमाल करेंगे. यहां मतदान दलों और आवश्यक सामग्री को हेलीकॉप्टर के जरिए इन स्थानों पर उतारा जाएगा.

जिला निर्वाचन पदाधिकारी ने की पुष्टि

खबर की पुष्टि न्यूज़ एजेंसी PTI से बात करते हुए पश्चिमी सिंहभूम के DC सह जिला निर्वाचन पदाधिकारी कुलदीप चौधरी ने दी है. उन्होंने कहा कि कहा, ‘हम यह सुनिश्चित करने के लिए प्रतिबद्ध हैं कि कोई भी मतदाता छूट न जाए… हमने ऐसे कई क्षेत्रों की पहचान की है, जहां पहली बार या लगभग दो दशक के बाद मतदान होगा क्योंकि ये स्थान माओवादी उग्रवाद से बुरी तरह प्रभावित थे.’

ट्रेन के जरिए 121 दल भेजे जाएंगे

जिला निर्वाचन अधिकारी ने कहा, ‘कर्मियों और सामग्री के हवाई परिवहन के लिए रोबोकेरा, बिंज, थलकोबाद, जराइकेला, रोआम, रेंगराहातु, हंसाबेड़ा और छोटानागरा जैसे दुर्गम स्थानों में 118 बूथों की पहचान की गई है। कुछ इलाकों में पोलिंग पार्टियों को 4-5 किमी तक पैदल चलना पड़ेगा. हम यह सुनिश्चित कर रहे हैं कि इस बार हम हर क्षेत्र तक पहुंचें।’ मतदान टीमें हेलीकॉप्टर के अलावा ट्रेन और सड़क मार्ग से भी यात्रा करेंगी और 121 टीमें ट्रेन से भेजी जाएंगी.

100 साल से अधिक उम्र के हैं 62 वोटर

डीसी ने बताया कि विधानसभा क्षेत्र में 62 से अधिक मतदाता 100 वर्ष से अधिक उम्र के हैं. उन्होंने कहा, ‘इन 62 मतदाताओं और 85 वर्ष से अधिक उम्र के 3,909 मतदाताओं के अलावा 13,703 विकलांग लोगों के लिए, हमने यह सुनिश्चित किया है कि उन्हें घर पर मतदान करने का विकल्प मिले.’

चार चरणों में होना है चुनाव

बता दें कि सिंहभूम अनुसूचित जनजाति के लिए आरक्षित निर्वाचन क्षेत्र है और यहां 14.32 लाख मतदाता हैं. इनमें से 7.27 लाख महिलाएं हैं. मालूम हो कि झारखंड में लोकसभा चुनाव के लिए चार चरणों में 13, 20, 25 मई और 1 जून को मतदान होना है.

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