शारदीय नवरात्र : सर्वार्थ सिद्धि एवं अमृत सिद्धि योग में नव शक्तियों के मिलन का महा पर्व नवरात्रि

JoharLive Team

शारदीय नवरात्र आदि शक्ति माँ दुर्गा की अवधारणा, भक्ति और परमात्मा की शक्ति का सबसे शुभ और अनोखा समय माना गया है। 
शारदीय नवरात्र शरद ऋतु की शुरुआत माता दुर्गा की उपासना के लिए प्रसिद्ध माना गया है यह महा पर्व पुरे भारत वर्ष में भक्ति भावना के साथ मनाया जाता है।  शक्ति की उपासना का महापर्व शारदीय नवरात्र प्रतिपदा से नवमी तक निश्चित नव तिथि, नव नक्षत्र  और नव शक्तियों की पूरी भक्ति और श्रद्धा के साथ सनातन काल से मनाया जा रहा है।।
इस बार शुभ शारदीय नवरात्र की प्रतिपदा कलश स्थापना 29 सितम्बर रविवार से शुरू होकर 7 अक्टूबर सोमवार महा नवमी तक होगा तथा 8 अक्टूबर मंगलवार विजयादशमी को  विसर्जन के साथ इस महा पर्व का समापन होगा। प्रसिद्ध ज्योतिष आचार्य प्रणव मिश्रा ने बताया कि इस नवरात्रि के नव दिनों में महालक्ष्मी, महासरस्वती और आदिशक्ति  माता दुर्गा के नव स्वरूपों की अलग- अलग पूजा की जाती है।। 
ये नव देवियाँ हैं- प्रथम शैलपुत्री च द्वितीय ब्रम्ह्चारिणी । तृतीय चन्द्रघण्टेति कूष्माण्डेति चतुर्थकम्।। पंचमं स्कन्दमातेति षष्ठम् कात्यायनीति च।  सप्तम कालरात्रीति महागौरीति चाष्ठमं।। नवम् सिद्धिदात्री च नवदुर्गा: प्रकीर्तिता।। दुर्गा पूजा में षष्ठी, सप्तमी, महाअष्टमी, नवमी और दशमी का विशेष महत्व है -                  षष्ठी तिथि 4 अक्टूबर : बेलवरण (बेलनोती)

सप्तमी तिथि 5 अक्टूबर : नवपत्रिका प्रवेश पूजा, निशा पूजा

अष्टमी तिथि 6 अक्टूबर: महाष्टमी पूजा

महानवमी तिथि 7 अक्टूबर: कुमारी कन्या पूजन एवं हवन

विजयादशमी 8 अक्टूबर : जयंती धारण, अपराजिता पूजन, शमी पूजन एवं विसर्जन

कलश स्थापन एवं शुभ मुहूर्त : आश्विन मास के शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा तिथि को माँ दुर्गा अपने भक्तो के दुःख दूर कर उनकी समस्त मनोकामना को पूर्ण करती है। पुरे भक्ति भाव के साथ नवरात्रि की कलश स्थापित करना चाहिए। कलश में गंगा जल, पान, सुपारी, रोली, अक्षत, हल्दी- कुमकुम, पूर्णपात्र और नारियल रख कर नदी के रेत में जौ डाल कर कलश स्थापित करें संभव हो तो अखंड दीप जलाये उसके बाद माता दुर्गा को सिंगार एवं वस्त्र अर्पित करें।

कलश स्थापना का अभिजीत शुभ मुहूर्त –
प्रात : 6.16 बजे से 7.40 बजे
सुबह 11.36 बजे से 12.24 बजे तक है इसके अलावा पुरे दिन कलश की स्थापना होगी।

आचार्य प्रणव मिश्रा
आचार्यकुलम, अरगोड़ा राँची
9031249105

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