Johar Live Desk : भाई-बहन के अटूट प्रेम और विश्वास का प्रतीक रक्षा बंधन का पवित्र पर्व इस साल 9 अगस्त को मनाया जाएगा। सावन मास की पूर्णिमा तिथि पर मनाए जाने वाले इस त्योहार पर इस बार भद्रा का साया नहीं रहेगा, जिसके कारण सूर्योदय से ही राखी बांधने की शुरुआत की जा सकती है। रक्षा बंधन के दिन राखी बांधने के कुछ विशेष नियमों का पालन करना शुभ और फलदायक माना जाता है। आइए जानते हैं इन नियमों और महत्वपूर्ण बातों के बारे में।
राखी बांधने के नियम और शुभ दिशा
रक्षा बंधन के दिन राखी बांधते समय कुछ खास नियमों का ध्यान रखना जरूरी है। राखी में तीन गांठें लगाना शुभ माना जाता है। पहली गांठ भाई की लंबी आयु, दूसरी गांठ बहन की लंबी आयु और तीसरी गांठ रिश्तों में मिठास बनाए रखने के लिए बांधी जाती है।
तिलक लगाने का सही तरीका :
राखी बांधने से पहले बहन को भाई के माथे पर अनामिका उंगली से तिलक लगाना चाहिए और अंगूठे से इसे ऊंचा करना चाहिए। इसके बाद तिलक पर अक्षत (चावल) रोपण कर भाई की लंबी आयु की कामना की जाती है। भाई के जीवन में मिठास बनी रहे, इसके लिए बहन उसे मिठाई खिलाती है। राखी बांधने के बाद भाई अपनी बहन को उपहार देता है, जो इस पर्व का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है।
राखी बांधने की सही दिशा :
राखी बांधते समय दिशा का विशेष ध्यान रखना चाहिए। बहन का मुख पश्चिम दिशा में और भाई का मुख उत्तर-पूर्व दिशा में होना शुभ माना जाता है। इससे सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है और रिश्ते में प्रेम और विश्वास बढ़ता है।
भाई की दाहिनी कलाई पर बांधें राखी
रक्षा बंधन के दिन शुभ मुहूर्त में भाई की दाहिनी कलाई पर रक्षा सूत्र बांधना सर्वोत्तम माना गया है। यह रक्षा सूत्र भाई-बहन के बीच प्रेम और सुरक्षा के बंधन को मजबूत करता है।
भद्रा मुक्त रहेगा रक्षा बंधन
इस साल रक्षा बंधन पर भद्रा का प्रभाव नहीं होगा, जिसके कारण सूर्योदय से ही राखी बांधने का शुभ कार्य शुरू किया जा सकता है। यह त्योहार भाई-बहन के रिश्ते को और मजबूत करने का अवसर प्रदान करता है।
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