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    Home»बिहार»IPS अफसर को बचाने के लिए बना फर्जी चीफ जस्टिस, खुलासा होने पर फरार
    बिहार

    IPS अफसर को बचाने के लिए बना फर्जी चीफ जस्टिस, खुलासा होने पर फरार

    Team JoharBy Team JoharOctober 17, 2022No Comments4 Mins Read
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    पटना : बिहार कैडर के IPS आदित्य कुमार ने अपने ऊपर शराबबंदी से जुड़े केस को खत्म कराने के लिए अपने दोस्त को पहले ​​​​​हाईकोर्ट का फर्जी चीफ जस्टिस बना दिया। फिर डीजीपी एसके सिंघल को फोन करवाया। केस खत्म होने के बाद खुफिया इनपुट से मामले का खुलासा हुआ। आर्थिक अपराध इकाई ने आईपीएस आदित्य कुमार सहित उनके दोस्त अभिषेक भूपालका उर्फ अभिषेक अग्रवाल और अन्य के खिलाफ केस दर्ज कर लिया है। आदित्य फरार हैं। अभिषेक अग्रवाल, गौरव राज, शुभम कुमार और राहुल रंजन जायसवाल को गिरफ्तार किया गया है।

    पूछताछ में अभिषेक ने कई राज उगले। अभिषेक ने बताया की वह एक आईपीएस अफसर को बचाने के लिए जज बनकर डीजीपी को फोन करता था। सूत्रों से बताया कि गिरफ्तार अभिषेक के पास से नौ सीम कार्ड के साथ दर्जनों मोबाइल मिला है। मोबाइल की जब फॉरेंसिक जांच की गई तो आरोप प्रमाणित हो गये। सख्ती से पूछताछ में भी आरोपी अभिषेक अग्रवाल ने कबूल किया।

    वो एक एसएसपी को बचाने के लिए डीजीपी को फोन किया था। जांच में यह बात सामने आई है कि यह पहले भी जेल जा चुका है।

    अभिषेक के पास से नौ सीम कार्ड के साथ दर्जनों मोबाइल मिला है। मोबाइल की जब फॉरेंसिक जांच की गई तो आरोप प्रमाणित हो गये। सख्ती से पूछताछ में भी आरोपी अभिषेक अग्रवाल ने कबूल किया। वो एक एसएसपी को बचाने के लिए डीजीपी को फोन किया था। जांच में यह बात सामने आई है कि यह पहले भी जेल जा चुका है। 2018 में भी पुलिस ने अभिषेक को गिरफ्तार कर तिहाड़ जेल भेजा था। इसके पहले 2014 में बिहार के एक पुलिस अधीक्षक को भी ब्लैकमेल किया था। उस समय पुलिस अधीक्षक के पिता से मोटी रकम की भी वसूली की थी।

    इसके अलावा एक अन्य आईपीएस अफसर से भी 2 लाख की ठगी में इसका नाम आया था।अभिषेक अग्रवाल पर बिहार में जालसाजी के कई मामले दर्ज है। भागलपुर में भी अभिषेक पर मामला दर्ज है। आपको बता दें की अभिषेक बड़े बड़े अधिकारियों नेताओं के साथ फोटो खींचा कर सोशल मीडिया पोस्ट करता था।

    जिससे लोगों के बीच इसकी धमक बनी रहे। इस बार इसने फ्रॉड करने के लिए हाईकोर्ट के एक सीनियर जज के साथ तस्वीर खिंचाकर वॉट्सऐप डिपी में लगा रखी थी। जिससे ये लगने लगे की ये भी कोई जज हो।साथ ही फेसबुक पर बड़े नेता और अफसरों के साथ ये तस्वीर लगाता था। जिस आईपीएस अफसर को बचाने के लिए वह डीजीपी को फोन किया करता था उसे क्लीनचिट भी मिल गई है। उस आईपीएस अफसर के खिलाफ शराब के एक मामले में थाने में केस दर्ज हुआ था। आर्थिक अपराध इकाई ने आरोपी अभिषेक के खिलाफ, धोखाधड़ी, फर्जी नाम से फोन करने व साईबर केस में जेल भेजा है। साथ ही पूछताछ में जो बातें निकल कर सामने आई है, उस आधार पर उस आईपीएस अफसर के खिलाफ भी केस दर्ज किया गया है।

    सितंबर में आदित्य ने अपने व्यवसायी मित्र अभिषेक अग्रवाल के साथ मिल प्लान तैयार किया। साजिश के तहत चीफ जस्टिस के नाम पर डीजीपी को फोन करवाने की योजना बनाई गई। इसके लिए पटना सिटी में मोबाइल सिम बेचने वाले गौरव राज के स्टाफ राहुल कुमार के नाम पर सिम कार्ड लिए गए।

    यह सिम राहुल के नाम पर तो लिया गया लेकिन उसे बोरिंग रोड में मिस्टर गैजेट नाम की दुकान के मालिक राहुल रंजन जायसवाल तक उनके स्टाफ शुभम के जरिए पहुंचाया गया। राहुल रंजन और अभिषेक जायसवाल दोनों कथित तौर पर दोस्त बताए जा रहे हैं। इसके बाद एक नया मोबाइल फोन खरीदा गया और फिर उसी फोन से डीजीपी को फोन किया जाने लगा।

    मामले की चल रही जांच:

    एडीजीमामले में पुलिस मुख्यालय ने फिलहाल सिर्फ इतना कहा है कि मामले कि जांच चल रही है। एडीजी(मुख्यालय) जितेंद्र सिंह गंगवार ने पुलिस मुख्यालय का आधिकारिक पक्ष पूछे जाने पर कहा-केस इस अंडर इन्वेस्टीगेशन।

    Bihar news
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