Johar Live Desk : कार्तिक मास के कृष्ण पक्ष की चतुर्थी तिथि पर सुहागिन महिलाएं करवा चौथ का व्रत रखती हैं। इस साल यह पर्व 10 अक्टूबर को मनाया जा रहा है। यह दिन प्रेम, समर्पण और सौभाग्य का प्रतीक माना जाता है। महिलाएं पति की लंबी उम्र, अच्छे स्वास्थ्य और वैवाहिक जीवन की खुशी के लिए पूरा दिन बिना पानी पीए उपवास करती हैं। मान्यता है कि व्रत रखने और करवा माता की पूजा करने से अखंड सौभाग्य, दांपत्य सुख और परिवार में समृद्धि मिलती है। व्रत चंद्र दर्शन के बाद ही पूरा होता है, इसलिए चंद्र देव की पूजा भी जरूरी है।
करवा चौथ पर शुभ योग
इस बार करवा चौथ पर कृत्तिका नक्षत्र शाम 5:31 बजे तक रहेगा। सिद्ध योग शाम 5:41 बजे तक है, उसके बाद व्यतीपात योग शुरू होगा। चंद्रमा वृषभ राशि में रहेंगे। राहुकाल सुबह 10:40 से दोपहर 12:07 बजे तक रहेगा। अभिजीत मुहूर्त सुबह 11:44 से दोपहर 12:30 बजे तक है।
पूजा की विधि
पूजा के लिए साफ चौकी पर करवा माता की तस्वीर रखें। पास में कलश में साफ पानी भरें। थाली में सिंदूर, दीपक, गंगाजल, अक्षत और हल्दी रखें। फूल, गुड़, पैसे, मिठाई और फल भी शामिल करें। दीपक-धूप जलाएं, माता को फूल माला पहनाएं। व्रत कथा सुनें और दान की सामग्री अलग रखें। रात में चंद्रमा निकलने पर उसकी पूजा करें, अर्घ्य दें। छलनी से चंद्र देखें, फिर पति को देखें और उनके हाथ से पानी पीकर व्रत तोड़ें। पति के पैर छूकर आशीर्वाद लें।

पूजा सामग्री
मिट्टी का कलश, चंदन, तांबे का लोटा, फूल-माला, दीपक, धूप, रोली, चावल, मिठाई, फल, मेवे, कथा पुस्तक, छलनी, शुद्ध जल, दूध और दान का सामान।
व्रत के 5 खास नियम
- सूर्योदय से पहले सरगी खाएं, फिर कुछ न लें।
- कथा पाठ 16 श्रृंगार और लाल जोड़े में करें।
- चंद्र दर्शन के बाद ही व्रत तोड़ें, वरना अधूरा माना जाता है।
- पूरा दिन निर्जला रहें।
- तामसिक भोजन और नुकीली चीजों से दूर रहें।
पूजन मंत्र
श्रीगणेश: ॐ गणेशाय नमः
शिव: ॐ नमः शिवाय
पार्वती: ॐ शिवायै नमः
कार्तिकेय: ॐ षण्मुखाय नमः
चंद्रमा: ॐ सोमाय नमः
करवा चौथ के उपाय
- करवा माता की पूजा और कथा पाठ से सुख-समृद्धि मिलती है।
- सुहाग की चीजें दान करें।
- गणेश और गौरी-शंकर की पूजा से पूरा फल मिलता है।
- 16 श्रृंगार के साथ चंद्र पूजा से वैवाहिक जीवन खुशहाल होता है।
- 7 सुहागिन महिलाओं का आशीर्वाद लेकर व्रत तोड़ें।
विभिन्न शहरों में चांद निकलने का समय
शहर | चांद निकलने का समय |
दिल्ली और नोएडा | रात 8:13 बजे |
मुंबई | रात 8:55 बजे |
कोलकाता | रात 7:41 बजे |
चंडीगढ़ | रात 8:08 बजे |
पंजाब | रात 8:10 बजे |
जम्मू | रात 8:11 बजे |
लुधियाना | रात 8:11 बजे |
देहरादून | रात 8:04 बजे |
शिमला | रात 8:06 बजे |
रांची | रात 7:52 बजे |
पटना | रात 7:48 बजे |
लखनऊ | रात 8:02 बजे |
कानपुर | रात 8:06 बजे |
प्रयागराज | रात 8:02 बजे |
इंदौर | रात 8:33 बजे |
भोपाल | रात 8:26 बजे |
अहमदाबाद | रात 8:47 बजे |
चेन्नई | रात 8:37 बजे |
बंगलूरू | रात 8:48 बजे |
जयपुर | रात 8:22 बजे |
रायपुर | रात 7:43 बजे |
करवा चौथ व्रत कथा
प्राचीन समय में एक साहूकार के सात बेटे और एक बेटी थी। करवा चौथ पर बहू-बेटी ने व्रत रखा। शाम को बेटी भूख से कमजोर हो गई। भाइयों ने दया दिखाई और बाहर आग जलाकर चांद का भ्रम पैदा किया। बेटी ने व्रत तोड़ा, लेकिन पति बीमार पड़ गया और धन खत्म हो गया। सच्चाई पता चलने पर उसने गणेश की पूजा की, पति ठीक हो गया और घर में सुख लौटा।
Disclaimer : यह जानकारी मान्यताओं, ज्योतिष और धार्मिक ग्रंथों पर आधारित है। सटीकता की गारंटी नहीं।
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