Patna : राघोपुर दियारा को पटना से जोड़ने वाला रुस्तमपुर-कच्ची दरगाह पीपा पुल आज यानी रविवार से बंद कर दिया गया है। इस फैसले से दो दर्जन गांवों का पटना से सीधा सड़क संपर्क टूट गया है, जिससे अगले 6 महीनों तक हजारों लोगों को गंगा नदी पार करने के लिए नावों का सहारा लेना होगा। स्थानीय लोगों ने इस निर्णय पर नाराजगी जताई है और इसे जल्दबाजी में लिया गया फैसला बताया है।
स्थानीय लोगों की परेशानी बढ़ी
राघोपुर, जुड़ावनपुर, चकसिंगार, मल्लिकपुर, सैदाबाद, पहाड़पुर, रामपुर, बिदुपुर के गोकुलपुर और विसनपुर सहित कई गांवों के निवासी इस फैसले से प्रभावित हुए हैं। मजदूर, सब्जी और दूध विक्रेता, कार्यालय जाने वाले कर्मचारी, और स्कूली छात्र अब नावों पर निर्भर हैं। नाव का अतिरिक्त किराया और ओवरलोड नावों में यात्रा का खतरा उनकी परेशानियों को और बढ़ा रहा है। शादी-ब्याह के मौसम में यह बंदी और भी मुश्किलें खड़ी कर रही है। स्थानीय निवासी आनंद कुमार ने कहा, “नदी का जलस्तर अभी इतना नहीं बढ़ा है कि पुल को बंद करना जरूरी हो। अप्रोच रोड से पानी काफी नीचे है, और पुल एक सप्ताह और चल सकता था।”
छात्रों को स्कूल पहुंचने में देरी
स्कूली छात्रों को भी इस फैसले से भारी परेशानी हो रही है। छात्र सुबोध कुमार ने बताया, “नाव से आने-जाने में डर लगता है, और स्कूल पहुंचने में देरी हो जाती है। कभी-कभी तो बहुत देर से स्कूल पहुंच पाते हैं।”
पुल बंद करने का आदेश
पुल निर्माण निगम के एक अधिकारी ने बताया कि सभी पीपा पुलों को खोलने का आदेश है। उन्होंने कहा, “15 जून तक ही पीपा पुल चालू रखने की समय सीमा थी। मानसून और सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए इसे बंद किया गया है।”
स्थायी पुल की मांग
राघोपुर दियारा क्षेत्र से रोजाना करीब 50 हजार लोग पटना आते-जाते हैं। इस क्षेत्र की आबादी 3 लाख से अधिक है, और लोग लंबे समय से एक स्थायी पुल की मांग कर रहे हैं। ग्रामीण प्रमिला देवी ने कहा, “बरसात में नदी का कटाव होने पर और भी परेशानी होती है। यहां 6 पाए वाला स्थायी पुल बनना जरूरी है। यह न केवल आवागमन को सुरक्षित बनाएगा, बल्कि क्षेत्र के आर्थिक विकास को भी बढ़ावा देगा।”
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