Jamtara (Rajiv Jha) : जामताड़ा नगर पंचायत में इन दिनों अजीबोगरीब खेल देखने को मिल रहे हैं। सोमवार को नगर पंचायत कार्यालय के द्वारा जबरन फुटपाथ की दुकानदारों को उजाड़ा गया, बगैर सूचना दिए सड़क के किनारे से दुकानदारों की छुट्टी कर दी। शाम में जब विरोध हुआ तो रात में चुपचाप जाकर चिपका दिया नोटिस।
पुलिस ने हटाया जाम
बस स्टैंड से लेकर सुभाष चौक तक चले इस अतिक्रमण हटाओ अभियान में फुटपाथ पर रोज़ी-रोटी कमाने वाले छोटे दुकानदारों को जबरन हटाया गया। टावर चौक पर स्थिति तब और बिगड़ गई जब ठेला और रेडी हटाने गए नगर पंचायत कर्मचारी दुकानदारों के विरोध के चलते मौके से भाग खड़े हुए। चार घंटे चले इस गतिरोध के बाद पुलिस के हस्तक्षेप से जाम हटा तो जरूर, लेकिन नगर पंचायत की कार्यशैली पर लोगों का गुस्सा कम नहीं हुआ।
चिपका दिया एक नोटिस
आज यानी मंगलवार सुबह दुकानदार जब अपनी जगह लौटे तो देखा कि वहां एक नोटिस चिपका हुआ है। सवाल उठता है कि जो नोटिस पहले दिया जाना चाहिए था, वह कार्रवाई के बाद क्यों चिपकाया गया? यह स्पष्ट है कि नगर पंचायत ने अपनी गलती छुपाने के लिए नोटिस की खानापूरी की है।
जनप्रतिनिधियों का अभाव
नगर निकाय चुनाव लंबे समय से नहीं हुए हैं, जिससे जनप्रतिनिधियों का अभाव शहर के प्रशासन पर भारी पड़ रहा है। कार्यालय कर्मियों और अधिकारियों की मनमानी अब सड़कों पर साफ़ दिख रही है। इस बीच, पुलिस के आश्वासन पर आज दोपहर नगर पंचायत के वरिष्ठ पदाधिकारी और दुकानदारों के बीच वार्ता निर्धारित है। हालांकि, स्थानीय व्यापारियों का कहना है कि महज़ खानापूरी और तानाशाही से उन्हें न्याय नहीं मिलेगा।
कोयले का बंद करे इस्तेमाल
गायछंद मोड़ पर नगर पंचायत कर्मियों ने दुकानदारों को यह भी कहा कि दुकानों में कोयले का इस्तेमाल बंद कर दिया जाए अन्यथा कोयला जब्त और चूल्हे तोड़े जाएंगे। इससे छोटे दुकानदारों में और अधिक रोष व्याप्त है। एक ओर नगर पंचायत स्वच्छता की बात कर रही है, दूसरी ओर आम आदमी का जीवन यापन और अधिकार छीन रही है।
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