Joharlive Desk
नई दिल्ली। महामारी के कारण लगे लॉकडाउन के दौरान किए जा रहे परोपकारी कार्यों से अभिनेता सोनू सूद काफी सुर्खियों में रहे हैं। उन्होंने लॉकडाउन के शुरुआती दौर में प्रवासी श्रमिकों को अपने मूल स्थान तक पहुंचाने के लिए परिवहन की सुविधा उपलब्ध कराई थी और तब से उनके परोपकारी कार्य किसी न किसी रूप में चलते रहते हैं। हालांकि अभिनेता ने स्पष्ट कर दिया है कि उनकी राजनीति में प्रवेश करने की कोई योजना नहीं है।
उन्होंने कहा, “एक अभिनेता के रूप में मेरे हाथ भरे हुए हैं। इसके अलावा मैं बहुत से चैरिटी का काम कर रहा हूं, जिसमें बहुत ध्यान और समय लगता है। इसलिए, अभी राजनीति की जगह कहीं नहीं है। बेशक, मुझे इसकी जानकारी नहीं है कि आज से 10 साल बाद नियति ने मेरे लिए क्या लिखा है।
अभिनेता के मन में प्रवासियों के लिए परिवहन की व्यवस्था करने का विचार तब आया, जब वह लॉकडाउन के दौरान कुछ दिनों तक प्रवासियों को भोजन के पैकेट वितरित कर रहे थे। भोजन बांटने के दौरान वह बच्चों वाले एक परिवार से मिले, जो 10 दिनों के लिए भोजन चाहते थे, क्योंकि वे सभी मूल निवास स्थान बेंगलुरु के लिए निकले हुए थे, तब सूद ने उन्हें बताया कि वह परिवहन के लिए अनुमति प्राप्त करने की कोशिश करेंगे, ताकि उन्हें चल कर इतनी दूर न जाना पड़े।
हर दिन सैकड़ो लोगों को अपने घरों तक वापस भेजने की व्यवस्था करने में कामयाब रहे सोनू ने कहा, “मैं उस समय 350 लोगों को भेजने का प्रबंधन कर सकता था। वह ट्रिगर पॉइंट था। मुझे एहसास हुआ कि मैं और अधिक लोगों को वापस भेज सकता हूं, जो परिवहन के अभाव में पैदल चलने की योजना बना रहे थे। उसके बाद मैंने पीछे मुड़कर नहीं देखा।
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