डायरिया प्रभावित क्षेत्र का अधिकारियों ने किया दौरा, मेडिकल टीम कर रही कैम्प

जामताड़ा: नाला प्रखंड अंतर्गत मोहनपुर कासीडंगाल में बीते दिन दर्जनों लोग डायरिया के शिकार हो गए थे. नाला सीएचसी के प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी डॉ लियाकत अंसारी की तत्परता तथा देखरेख में डायरिया पीड़ित सभी मरीजों को समुचित स्वास्थ्य सेवाएं उपलब्ध कराई गई. वहीं मेडिकल टीम के द्वारा निरंतर हर गतिविधियों पर नजर रखी गई. जानकारी के मुताबिक सभी पीड़ित मरीज नाला सीएचसी से स्वस्थ होकर अपने अपने घर चले गए हैं.

आखिर एक साथ इस प्रकार का संक्रमण फैलने का कारण व अन्य तहकीकात के लिए गुरूवार को जिला महामारी विशेषज्ञ डॉ अजीत दूबे के द्वारा सम्पूर्ण गांव का दौरा किया गया. इस दौरान उन्होंने ग्रामीणों के साथ बैठकर इस महामारी प्रकोप की वजह जानने के लिए विभिन्न कारकों के बारे में तहकीकात की. साथ ही संबंधित तालाब, चापाकल अन्य जलाशयों का सैम्पल भी लिया गया. इस दौरान ग्रामीणों ने मेडिकल टीम को हर गतिविधि से अवगत कराई.

इस संबंध में एक साक्षात्कार में जिला महामारी विशेषज्ञ डॉ अजीत दूबे ने कहा कि निरीक्षण में पाया गया कि तालाब में यहां के लोग बर्तन साफ करते हैं जो कि बिल्कुल दूषित पानी था और हमने पानी का सैम्पल भी संग्रह किया है. चापाकल का भी पानी हमलोग सैम्पल लेकर भेजेंगे. इसमें पता चलेगा कि उसमें बैक्टीरिया की मात्रा कितनी है और क्या इंफेक्शन है. उसके पश्चात ही हम बताएंगे कि आखिर इंफेक्शन फैला कहां से है. उन्होंने कहा कि स्थिति अभी नियंत्रण में ही है. गांव में लोगों को जागरुक किया गया है. साथ ही बताया गया कि साफ सफाई पर विशेष ध्यान दें. साथ ही गर्मी को देखते हुए उबले हुए पानी का प्रयोग करें. अगर ज्यादा जरूरत नहीं है तो घर से कम से कम निकले. सुबह 10 बजे तक अपने दैनिक कार्य को करने का सुझाव दिया.

बताया जाता है कि इस महामारी के फैलने से संबंधित पंचायत के मुखिया दुखी मुर्मू ने भी प्रखंड विकास पदाधिकारी को गांव में शिविर लगाकर उपचार करने का आग्रह किया था. मालूम हो कि डॉ अजीत दूबे पूरे गांव का भ्रमण कर डायरिया पीड़ित मरीजों से भी मिले और उनका हालचाल पूछा. साथ ही कई सावधानी बरतने की सलाह दी. निरीक्षण के दौरान ग्रामीणों ने जिला महामारी विशेषज्ञ को गांव में पेयजल की समस्या से भी अवगत कराई. ग्रामीणों का कहना है कि गांव में कुल 14 चापाकल है जिसमें मात्र 3 चालु है.

मुखिया प्रतिनिधि बनमाली मिर्धा का कहना है कि गांव में चापाकल मरम्मती का कार्य प्रारंभ कर दिया गया है. इधर जिला महामारी विशेषज्ञ डॉ अजीत दुबे ने भी उपायुक्त से संपर्क कर पेयजल की समस्या के निराकरण का आश्वासन दिया हैं. बताया जाता है कि अत्यधिक चापाकल खराब रहने के कारण ग्रामीणों को मजबूरी में तालाब में बर्तन धोना पड़ता है. फिलहाल इन दिनों डायरिया से पीड़ित मरीज स्वस्थ है. वहीं एक मरीज का इलाज नाला सीएचसी में चल रहा है. मेडिकल टीम द्वारा सहिया एवं स्वास्थ्य कर्मियों के माध्यम से ओआरएस तथा अन्य दवाएं गांव के शिविर में रखी गई है. इस अवसर पर पूर्व उप प्रमुख बिमल घोष, एमटीएस अहमद रजा परवेज, एमपीडब्ल्यू प्रदीप टुडू,शांतिमय मंडल, एचडब्ल्यू रंजीत भारती, सुकूमार घोष, तूफान पाल, मलय घोष, दिलीप घोष, मदन मोहन मंडल, तथा गांव की सहिया सेविका, सहायिका आदि उपस्थित थे.

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