गंगा उफान पर, साहिबगंज के निचले इलाके जलमग्न, राहत कार्य के लिए फंड नहीं

साहिबगंज. बिहार के सीमांत ज़िलों से लेकर पश्चिम बंगाल के उन हिस्सों तक गंगा का जलस्तर बढ़ रहा है, जो झारखंड से लगे हुए हैं. गंगा के इस तरह उफान पर आने से झारखंड के साहिबगंज ज़िले में पिछले 15 दिनों से गंगा का जलस्तर प्रतिदिन 10 सेंटीमीटर बढ़ रहा है, जो स्थानीय लोगों के लिए खासा संकट बन गया है. गुरुवार को गंगा खतरे के निशान 27.25 मीटर से लगभग 1 मीटर ऊपर बह रही थी. जलस्तर बढ़ने से दियारावासियों की परेशानी भी लगातार बढ़ती ही जा रही है. घर जलमग्न हो रहे हैं तो ज़िला प्रशासन के पास आपदा से जूझने के लिए फंड नहीं है.

खासकर गदाई दियारा और रामपुर दियारा में बसे लोगों के सामने बड़ा संकट है. लगभग सभी जगह 3 फीट पानी भर गया है. साहिबगंज शहरी क्षेत्र के निचले इलाके भी बाढ़ जैसे हालात में हैं. ऊपर से रुक रुककर हो रही बारिश ने परेशानी को दोगुना कर दिया है. परेशानी और पेचीदा इसलिए है कि आपदा मद में पैसा नहीं है. साहिबगंज के उपायुक्त रामनिवास यादव ने बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों के सर्वे करने का निर्देश तो दे दिए हैं लेकिन आपदा मद में राहत और बचाव कार्य के लिए पैसा ही नहीं है, तो काम होगा कैसे? यह सवाल विडंबना बन गया है.

बिहार के बक्सर ज़िले से लेकर पश्चिम बंगाल के फरक्का तक गंगा का जलस्तर बढ़ता हुआ बताया गया है. इधर, दियारा में चार-पांच गांवों के प्रभावित लोग और किसान डरकर ऊँचे स्थानों की तरफ भाग रहे हैं और धर्मशालाओं आदि में शरण लेने लगे हैं. गदाई दियारा के नाथू टोला, रघुवीर टोला सहित 14 टोलों के लोगों सहित मुखिया प्रतिनिधि विश्वनाथ ने ज़िला प्रशासन व स्थानीय विधायक अनंत कुमार ओझा पर अनदेखी का आरोप लगाकर सीधे सीएम हेमंत सोरेन से मदद मांगी है.

इस बारे में उपायुक्त साहिबगंज रामनिवास यादव का कहना है कि बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों का मुआयना करने के लिए अंचलाधिकारियों को निर्देश दिए गए हैं. बाढ़ राहत में कोई कोताही बर्दाश्त नहीं की जाएगी. बाढ़ राहत के लिए नावें भी भाड़े पर ली जा रही हैं.