Johar Live Desk : देश में धार्मिक आयोजनों और माउथ फ्रेशनर के रूप में इस्तेमाल होने वाले पान के पत्तों में औषधीय गुण भी पाए जाते हैं। इसे अंग्रेजी में बीटल लीफ और आयुर्वेद में नागबल्ली, श्रीवटी, अमलवती या अमलरस के नाम से जाना जाता है। शोध के अनुसार, पान के पत्ते शरीर से टॉक्सिन निकालने, मुंह और डायबिटीज से बचाव, हृदय और प्रतिरक्षा प्रणाली के लिए लाभकारी होते हैं। इसमें एंटीऑक्सीडेंट, एंटी-डायबिटिक, एंटी इंफ्लेमेटरी, एंटी-कैंसर और एंटी-अल्सर गुण भी पाए जाते हैं।
विशेषज्ञों का कहना है कि पान के पत्ते सिरदर्द, आंखों और कान के रोग, सर्दी-जुकाम, खांसी, हार्ट डिजीज और सांस संबंधी बीमारियों में लाभकारी हो सकते हैं। पोषण की दृष्टि से इसमें प्रोटीन, मिनरल, फाइबर, विटामिन और आयरन जैसी महत्वपूर्ण तत्व मौजूद हैं।
अब घर पर भी पान के पत्ते उगाना आसान है। इसके लिए सबसे पहले स्वस्थ पत्ते के तने को पानी वाले कप में डुबोकर जड़ें उगाई जाती हैं। दो हफ्ते बाद जड़ें निकलने पर इन्हें गमले में मिट्टी और जैविक खाद के साथ रोपना चाहिए। पत्तों को नम मिट्टी और अप्रत्यक्ष धूप की आवश्यकता होती है। बेल जैसी बढ़ने वाली प्रकृति के कारण पौधे को सहारा देना भी जरूरी है। कीट लगने पर नीम के तेल का छिड़काव पर्याप्त होता है।

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