Patna : सीएम नीतीश कुमार सोमवार को अचानक जनता दल (यूनाइटेड) के प्रदेश कार्यालय पहुंचे, जहां उन्होंने पार्टी कार्यकर्ताओं से मुलाकात की. इस दौरान जदयू अनुसूचित जाति प्रकोष्ठ के प्रदेश उपाध्यक्ष मुन्ना चौधरी ने उनसे बिहार में ताड़ी पर लगे प्रतिबंध को हटाने की मांग की.
मुन्ना चौधरी ने सीएम से बातचीत में कहा कि वे पासी समाज से आते हैं और ताड़ी इस समाज की परंपरा व आजीविका से गहराई से जुड़ी है. उन्होंने बताया कि ताड़ी के पेड़ से गिरने की घटनाओं में अब तक 500 से अधिक लोगों की मौत हो चुकी है, लेकिन इन मामलों में पीड़ित परिवारों को किसी प्रकार का मुआवजा नहीं मिला है.
चौधरी ने ताड़ी को राज्य की शराबबंदी नीति से अलग करने की मांग करते हुए कहा कि इसमें अल्कोहल की मात्रा बेहद नगण्य होती है, और इसे शराब की श्रेणी में रखना न सिर्फ अनुचित है, बल्कि इससे हजारों लोगों की आजीविका पर भी असर पड़ा है. उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि सरकार द्वारा नीरा के प्रचार-प्रसार की व्यवस्था भी प्रभावी ढंग से नहीं की गई है, जिससे इस वैकल्पिक उपाय का लाभ लोगों तक नहीं पहुंच पाया.
सीएम नीतीश कुमार ने चौधरी की बातों को गंभीरता से सुना और प्रदेश अध्यक्ष उमेश कुशवाहा को निर्देश दिया कि वे इस पूरे मामले की विस्तृत जानकारी लें और मुन्ना चौधरी को इस विषय पर चर्चा के लिए होने वाली बैठक में शामिल करें.
गौरतलब है कि बिहार में 2016 से शराबबंदी लागू है, जिसके तहत ताड़ी सहित कई पारंपरिक पेयों पर भी प्रतिबंध लगा दिया गया है. हालांकि, समय-समय पर ताड़ी को इस प्रतिबंध से मुक्त करने की मांग उठती रही है. अब सीएम की ओर से मिले सकारात्मक संकेतों से यह उम्मीद की जा रही है कि सरकार इस मुद्दे पर पुनर्विचार कर सकती है.
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