Patna : राष्ट्रीय जनता दल (RJD) के अध्यक्ष और बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री लालू प्रसाद यादव एक बार फिर विवादों में घिर गए हैं। उन पर संविधान निर्माता डॉ. भीमराव आंबेडकर की तस्वीर का कथित अपमान करने का आरोप लगा है, जिसके बाद बिहार की सियासत में हलचल मच गई है। केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह ने इस मामले में तीखी प्रतिक्रिया देते हुए लालू यादव से सार्वजनिक माफी और प्रायश्चित की मांग की है।
गिरिराज सिंह ने कहा कि…
पटना में संवाददाताओं से बातचीत में गिरिराज सिंह ने कहा, “लालू प्रसाद यादव का दलितों के प्रति असली चेहरा सामने आ गया है। बाबा साहेब आंबेडकर को पूरे देश में भगवान की तरह पूजा जाता है, लेकिन लालू ने उनकी तस्वीर का अपमान कर पैरों तले कुचलने का काम किया है। इसके लिए उन्हें देश के पिछड़ें समाज से माफी मांगनी होगी। गंगा के किनारे बालू-गोबर खाकर और गंगाजल से प्रायश्चित करना होगा। अगर हिंदू धर्म में विश्वास नहीं है, तो फुलवारीशरीफ जाकर प्रायश्चित करें।”
वायरल वीडियो से शुरू हुआ विवाद
यह विवाद लालू यादव के 78वें जन्मदिन समारोह (11 जून 2025) के दौरान रिकॉर्ड किए गए एक वीडियो के वायरल होने के बाद शुरू हुआ। वीडियो में लालू प्रसाद यादव एक सोफे पर बैठे नजर आ रहे हैं, उनके पैर सामने वाले सोफे पर रखे हैं। इस दौरान एक समर्थक डॉ. आंबेडकर की तस्वीर लेकर कमरे में प्रवेश करता है और उसे लालू के पैरों के पास रख देता है। लालू ने तस्वीर को न तो उठाया और न ही उसका सम्मान किया, जिसे विपक्षी दलों ने आंबेडकर का अपमान करार दिया है।
BJP और JDU का तीखा हमला
भारतीय जनता पार्टी (BJP) और जनता दल यूनाइटेड (JDU) ने इस घटना को दलित समाज और आंबेडकर की चेतना का अपमान बताया है। बिहार के उपमुख्यमंत्री सम्राट चौधरी ने कहा, “लालू यादव के डीएनए में ही पिछड़ों के प्रति उपेक्षा है। यह वीडियो पूरे बिहार को आहत कर रहा है, लेकिन RJD की ओर से अब तक अफसोस के दो शब्द भी नहीं आए।”
विरोध में फूंका लालू का पुतला
भाजपा कार्यकर्ताओं ने रविवार को पटना के आयकर गोलंबर पर लालू प्रसाद का पुतला फूंका और विरोध प्रदर्शन किया। पार्टी के सांसद प्रदीप कुमार सिंह ने कहा, “लालू ने बाबा साहेब की तस्वीर को पैरों के पास रखकर पूरे दलित समाज का अपमान किया है। यह RJD की औछी मानसिकता को दर्शाता है।”
अनुसूचित जाति आयोग ने जारी किया नोटिस
बिहार राज्य अनुसूचित जाति आयोग ने इस मामले को गंभीरता से लेते हुए लालू प्रसाद यादव को नोटिस जारी किया है। आयोग के उपाध्यक्ष देवेंद्र कुमार ने कहा, “सोशल मीडिया पर वायरल वीडियो में लालू यादव और उनके एक समर्थक द्वारा आंबेडकर की तस्वीर का अपमान किया गया है। उन्हें 15 दिनों के भीतर स्पष्टीकरण देना होगा, अन्यथा अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति (अत्याचार निवारण) अधिनियम के तहत कार्रवाई की जाएगी।”
तेजस्वी ने बताया राजनीतिक साजिश
विपक्ष के हमलों के बीच RJD नेता और लालू के बेटे तेजस्वी यादव ने इस मामले को राजनीति से प्रेरित बताया। उन्होंने कहा, “भाजपा बड़का झूठा पार्टी है। लालू जी ने बिहार में आंबेडकर की कई मूर्तियां लगवाई हैं। यह सब झूठा प्रचार है।” तेजस्वी ने यह भी कहा कि लालू का स्वास्थ्य ठीक नहीं है और वे 10-10 घंटे लोगों से मिलते हैं।
सियासी नफा-नुकसान का अंदेशा
बिहार में इस साल के अंत में होने वाले विधानसभा चुनाव से पहले यह विवाद RJD के लिए मुश्किलें खड़ी कर सकता है। बिहार में पिछड़ें वर्ग की आबादी 18-20% है और इस वर्ग का वोट बैंक RJD के लिए अहम रहा है। लालू प्रसाद यादव की ओर से अभी तक इस मामले में कोई आधिकारिक बयान नहीं आया है।
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