Johar Live Desk : भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) का बाहुबली प्रक्षेपण यान एलवीएम-3 आज अपनी पांचवीं उड़ान में सबसे भारी संचार उपग्रह सीएमएस-03 को अंतरिक्ष में भेजेगा। यह उपग्रह भारतीय नौसेना के लिए सबसे उन्नत और शक्तिशाली होगा।
सीएमएस-03 उपग्रह मल्टी-बैंड संचार सक्षम करेगा, जिससे पूरे उपमहाद्वीप के समुद्री क्षेत्रों में नौसेना की निगरानी और संचार क्षमता मजबूत होगी। यह जहाजों, विमानों और पनडुब्बियों के बीच सुरक्षित और तेज़ डेटा आदान-प्रदान में मदद करेगा।
वजन और प्रक्षेपण विवरण
सीएमएस-03 का वजन करीब 4,410 किलोग्राम है और यह भू-समकालिक कक्षा (GTO) में स्थापित होगा। इसे एलवीएम3-एम5 रॉकेट के जरिए श्रीहरिकोटा के सतीश धवन अंतरिक्ष केंद्र से शाम 5:26 बजे लॉन्च किया जाएगा। इस रॉकेट की क्षमता 4,000 किलोग्राम तक भारी पेलोड ले जाने की है।

सेवाएं और लाभ
सीएमएस-03 इंटरनेट कनेक्टिविटी, वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग और सुरक्षित डेटा ट्रांसमिशन जैसी सुविधाएं देगा। इससे दूरदराज इलाकों, समुद्री जहाजों और हवाई जहाजों तक तेज़ और सुरक्षित संचार पहुंच सुनिश्चित होगी। यह उपग्रह सात साल तक अंतरिक्ष में कार्य करेगा।
नौसेना के लिए खास
उपग्रह में कई स्वदेशी और उन्नत तकनीकी घटक शामिल हैं, जो विशेष रूप से भारतीय नौसेना की आवश्यकताओं को पूरा करने के लिए विकसित किए गए हैं। इससे नौसेना की अंतरिक्ष-आधारित संचार और समुद्री क्षेत्र जागरूकता क्षमता मजबूत होगी।

