Johar Live Desk : झारखंड के हजारीबाग, गिरिडीह और बोकारो जिले के 48 प्रवासी मजदूर अफ्रीका के ट्यूनीशिया में फंसे हुए हैं। पिछले तीन महीनों से इन मजदूरों को उनकी कंपनी की ओर से वेतन नहीं मिला है, जिससे वे खाने-पीने की परेशानी झेल रहे हैं।
वहां फंसे मजदूरों ने वीडियो संदेश जारी कर भारत सरकार से मदद की गुहार लगाई है। उन्होंने कहा, “हम बहुत कठिन हालात में हैं, कंपनी ने हमारा वेतन रोक दिया है, और हमारे पास खाने के भी पैसे नहीं बचे हैं। हम बस अपने घर लौटना चाहते हैं।” मजदूरों ने बकाया वेतन के भुगतान और जल्द भारत वापसी की मांग की है।
जानकारी के अनुसार, ट्यूनीशिया में फंसे 48 मजदूरों में हजारीबाग के 19, गिरिडीह के 14 और बोकारो के 15 मजदूर शामिल हैं।

अफ्रीका के ट्यूनीशिया में झारखंड के 48 मजदूर फंसें हुए हैं। मुख्यमंत्री @HemantSorenJMM से वतन वापसी की गुहार लगा रहे। इसमें हजारीबाग, गिरिडीह और बोकारो जिले के प्रवासी मजदूर शामिल हैं।3 महिने से कंपनी ने इन्हें पैसा भी नहीं दिया है जिससे इनके हालात बद्तर होते जा रहे! मुख्यमंत्री… pic.twitter.com/w98MJbKU0I
— Priyanka Mishra (@Anchorpriyanka_) October 31, 2025
हजारीबाग जिले से फंसे 19 मजदूर
अमरदीप चौधरी, जिवाधन महतो, धानेश्वर महतो, जागेश्वर कुमार महतो, गोविंद कुमार महतो, खिरोधर महतो, नागेंद्र कुमार महतो, कैलाश महतो, नीलकंठ महतो, अनंतलाल महतो, खुशलाल महतो, जगतपाल महतो, मुकेश कुमार, मंटू महतो, गंगाधर महतो, मुकेश कुमार (चानो), दिनेश तुरी, देवेंद्र ठाकुर और शंकर घांसी।
गिरिडीह जिले से फंसे 14 मजदूर
नंदलाल महतो, संतोष महतो, गुरुचरण महतो, मनोज कुमार मंडल, खुबलाल महतो, अशोक कुमार, झंडू महतो, सेवा महतो, मुरली मंडल, सुखदेव सिंह, संजय कुमार, संजय कुमार महतो, सुनील टूड्डू और मिरुलाल हसदा।
बोकारो जिले से फंसे 15 मजदूर
अजय कुमार, अनिल कुमार, गोपाल महतो, राजेश करमाली, लालू करमाली, जगन्नाथ महतो, रूपलाल महतो, दीपक सिंह, कारु सिंह, जगन्नाथ महतो (सीधाबारा), बिरसाही तुरी, सुबोध मरांडी, मनोज कुमार रविदास, खेदन सिंह और सुखदेव महतो।
इन मजदूरों के परिवारों ने राज्य और केंद्र सरकार से मदद की अपील की है ताकि वे सुरक्षित अपने घर लौट सकें।
पहले भी हुआ था ऐसा मामला
गौरतलब है कि करीब छह महीने पहले, 25 अप्रैल 2025 को दक्षिण अफ्रीका के नाइजर से गिरिडीह जिले के बगोदर प्रखंड के पांच मजदूरों का अपहरण कर लिया गया था जिनमें संजय महतो, चंद्रिका महतो, राजू महतो, फलजीत महतो और उत्तम महतो शामिल थे। उनका अब तक कोई पता नहीं चल पाया है।

 

