Chapra : बिहार के छपरा जिले से एक हैरान कर देने वाली घटना सामने आई है, जिसने न सिर्फ गांव वालों को चौंका दिया, बल्कि प्रशासन को भी सकते में डाल दिया है। रिविलगंज प्रखंड के मोहब्बत परसा पंचायत के भादपा नई बस्ती गांव में रहने वाली रामा देवी (45 वर्ष) को उनके परिजनों ने मृत मानकर अंतिम संस्कार और श्राद्ध कर्म तक कर दिया था। लेकिन 22 जून की सुबह वह अचानक जिंदा अपने घर लौट आईं, जिससे पूरे गांव में सनसनी फैल गई।
17 मई को हुई थीं लापता
रामा देवी 17 मई को अचानक घर से लापता हो गई थीं। परिजनों ने उन्हें हर जगह तलाशा लेकिन कोई पता नहीं चला। 26 मई को सरयू नदी के किनारे थाना घाट पर एक अज्ञात महिला की सड़ी-गली बॉडी मिली। बॉडी की हालत खराब होने के कारण पहचान करना कठिन था, लेकिन हुलिया मिलने पर परिजनों ने उसे रामा देवी मान लिया। पुलिस ने डेड बॉडी को पोस्टमॉर्टम के बाद परिजनों को सौंप दिया, जिसके बाद अंतिम संस्कार और 11 जून को श्राद्ध कर्म भी कर दिया गया।
22 जून को हुई चमत्कारिक वापसी
22 जून की सुबह जब रामा देवी खुद अपने घर लौटीं तो परिजन स्तब्ध रह गए। यह खबर पूरे गांव में जंगल की आग की तरह फैल गई और सैकड़ों लोग उन्हें देखने पहुंच गए। दुख में डूबे घर में अचानक खुशी का माहौल बन गया।
मानसिक रूप से अस्वस्थ थीं
स्थानीय लोगों के अनुसार रामा देवी आंशिक रूप से मानसिक रूप से अस्वस्थ हैं। वह बिना किसी को बताए कोलकाता स्थित अपने मायके चली गई थीं और करीब एक महीने बाद लौटीं।
श्राद्ध में मिली थी आर्थिक मदद
वार्ड सदस्य सुनील कुमार ने मीडिया को बताया कि परिवार की आर्थिक स्थिति कमजोर थी, ऐसे में मुखिया प्रतिनिधि बुलबुल बाबा समेत कई लोगों ने श्राद्ध कर्म में मदद की थी। सौभाग्य से अब तक रामा देवी का मृत्यु प्रमाण पत्र जारी नहीं हुआ था, नहीं तो कानूनी अड़चनों का सामना करना पड़ता।
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