Hazaribagh : हजारीबाग स्थित लोकनायक जयप्रकाश नारायण केंद्रीय कारा के ओपन जेल के होल्डिंग कैंप (डिटेंशन सेंटर) से तीन बांग्लादेशी नागरिकों के फरार होने की खबर सामने आई है। इस घटना ने जेल प्रशासन और जिला प्रशासन की सुरक्षा व्यवस्था पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं। ये तीनों विदेशी नागरिक भारत में अवैध रूप से रहने के आरोप में डिटेन किए गए थे और शुक्रवार देर रात या शनिवार तड़के जेल से फरार हो गए।
फरार हुए कैदियों की पहचान इस प्रकार की गई है :
- रीना खान उर्फ़ फ़िना देवी : गाजीपुर, ढाका निवासी। 4 फरवरी 2022 को जामताड़ा जेल से हजारीबाग लाई गई थीं। पहचान: नाक के नीचे तिल और दाहिने हाथ पर ज़ख्म का निशान।
- निपाह अख़्तर ख़ुशी : चाटग्राम निवासी। 28 सितंबर 2024 को होटवार, रांची जेल से ट्रांसफर की गई थीं। पहचान: दाहिनी हथेली और बाएं कोहनी के नीचे तिल।
- मोहम्मद नज़मूल हंग : बागेरहाट निवासी। 1 मार्च 2025 को दुमका जेल से हजारीबाग लाया गया था। पहचान: माथे के बाएं हिस्से पर तिल और बाएं पैर पर ज़ख्म का निशान।
तलाशी अभियान तेज़
तीनों कैदी अलग-अलग जेलों से ट्रांसफर होकर हजारीबाग के ओपन जेल स्थित डिटेंशन सेंटर में रखे गए थे। जैसे ही घटना का पता चला, पुलिस और सुरक्षा एजेंसियां हरकत में आ गईं और तलाशी अभियान तेज़ कर दिया गया है। हालांकि, घटना के समय जेल प्रशासन की गैरमौजूदगी ने व्यवस्थाओं की पोल खोल दी है। मिली जानकारी के अनुसार जेल सुपरिंटेंडेंट अवकाश पर दिल्ली गए हुए हैं और जेलर दिनेश वर्मा से संपर्क की तमाम कोशिशें नाकाम रही हैं।
दो महीनों में दो कैदियों की आत्महत्या
गौरतलब है कि पिछले दो महीनों में इसी जेल में दो कैदियों की आत्महत्या की घटनाएं सामने आ चुकी हैं, जिससे सुरक्षा व्यवस्था और प्रशासनिक लापरवाही को लेकर पहले ही सवाल उठाए जा रहे थे। अब विदेशी नागरिकों के फरार होने से यह मामला और भी संवेदनशील बन गया है। प्रशासन की ओर से अभी तक कोई आधिकारिक बयान नहीं आया है।
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