Seraikela : राजनगर प्रखंड के ग्राम नीमडीह में रविवार को ईचा खरकई डैम के पुनर्निर्माण के विरोध में एक बैठक का आयोजन किया गया। यह बैठक ईचा डैम विरोधी संघ कोल्हान की ओर से बुलाई गई थी, जिसकी अध्यक्षता ग्राम प्रधान महावीर महतो ने की। बैठक में बड़ी संख्या में ग्रामीण शामिल हुए और उन्होंने एकजुट होकर इस परियोजना का विरोध किया।
संघ के अध्यक्ष बीर सिंह बिरुली ने कहा कि राज्य सरकार सुप्रीम कोर्ट का हवाला देकर ईचा डैम को फिर से शुरू करने की बात कह रही है, लेकिन इसका मकसद केवल रूंगटा स्टील प्लांट को पानी देना है। उन्होंने दावा किया कि इससे 18 गांवों के लोग प्रभावित होंगे और आदिवासी समुदाय को नुकसान पहुंचेगा।
बीर सिंह बिरुली ने यह भी याद दिलाया कि 2014 में तत्कालीन कल्याण मंत्री चंपाई सोरेन की अध्यक्षता में गठित समिति ने डैम को रद्द करने और विस्थापितों को जमीन लौटाने की सिफारिश की थी। लेकिन अब दोबारा डूब क्षेत्र बढ़ाने की बात की जा रही है, जो आदिवासी हितों के खिलाफ है।
बैठक में तय किया गया कि जब तक आदिवासियों के अधिकारों की रक्षा नहीं होती, तब तक संघर्ष जारी रहेगा और डैम रद्द करने की मांग की जाती रहेगी। संघ ने ग्रामीणों से अपील की कि वे एकजुट होकर इस परियोजना का विरोध करें।
इस बैठक में सोसों ग्राम के मुंडा सुरेश सुरीन, रेयांश समड, कृष्ण बानरा, संतोष महतो, बसंत कुमार महतो, गुलिया कालुंडिया, बिरसा गोडसोरा, रॉबिन अल्डा, श्याम कुदादा, पांडु महतो, आह्लाद महतो, गुरु चरण महतो, रविंद्र महतो, रूपेश महतो सहित कई ग्रामीण उपस्थित थे और उन्होंने अपनी नाराजगी जताई।
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