New Delhi : सरकारी कर्मचारियों और पेंशनधारकों के लिए एक अच्छी खबर सामने आई है. 8वां वेतन आयोग (8th Pay Commission) अब आधिकारिक रूप से 1 जनवरी 2026 से लागू होने जा रहा है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में केंद्रीय कैबिनेट ने 16 जनवरी 2025 को इसके गठन को मंजूरी दी थी. यह आयोग लगभग 50 लाख केंद्रीय कर्मचारियों और 65 लाख पेंशनधारकों को लाभ देगा. इस आयोग का मुख्य उद्देश्य वेतन, भत्तों और पेंशन में ऐसा सुधार करना है जिससे वे मौजूदा महंगाई और जीवनशैली की जरूरतों के अनुसार बेहतर तरीके से अनुकूल हो सकें.
सैलरी में होगा कितना बदलाव?
वर्तमान में, लेवल 1 कर्मचारी की बेसिक सैलरी 18,000 रुपये है, जबकि लेवल 2 की 19,900 रुपये प्रस्ताव के अनुसार, लेवल 1 और 2, लेवल 3 और 4, तथा लेवल 5 और 6 को मिलाकर एकीकृत वेतनमान बनाए जा सकते हैं. इसका फायदा ये होगा कि निचले स्तर के कर्मचारियों की सैलरी में अच्छा उछाल देखने को मिलेगा. अगर नया फिटमेंट फैक्टर 2.86 तक पहुंचा, तो अनुमान लगाया जा रहा है कि एक 18,000 रुपये की सैलरी बढ़कर 51,480 रुपये तक जा सकती है.
फिटमेंट फैक्टर क्या होता है?
फिटमेंट फैक्टर वह गुणांक (Multiplier) होता है जिससे पुराने वेतन को गुणा करके नया वेतन तय किया जाता है. 7वें वेतन आयोग में यह 2.57 था, जिससे न्यूनतम वेतन 7,000 रुपये से बढ़कर 18,000 रुपये हुआ था. पेंशन भी 3,500 रुपये से बढ़कर 9,000 रुपये हो गई थी. 8वें वेतन आयोग में ये 2.5 से 2.86 के बीच रह सकता है. इससे सैलरी दोगुनी से भी ज्यादा हो सकती है, जैसे 40,000 रुपये की सैलरी 1,00,000 रुपये तक जा सकती है.
पेंशन में क्या होगा बदलाव?
पेंशनरों के लिए भी यही नियम लागू होगा. जितनी सैलरी बढ़ेगी, उसी अनुपात में पेंशन भी बढ़ेगी. साथ ही, नए आयोग में स्वास्थ्य बीमा योजनाओं में भी सुधार की संभावना जताई जा रही है.
कर्मचारियों और पेंशनधारकों के लिए नई उम्मीद
8वां वेतन आयोग लाखों कर्मचारियों और पेंशनधारकों के लिए एक नई उम्मीद लेकर आया है. यदि फिटमेंट फैक्टर बढ़ता है, तो लोगों की सैलरी और पेंशन में बड़ा उछाल आ सकता है. हालांकि आयोग बन गया है, लेकिन Terms of Reference (ToR) अभी घोषित नहीं हुए हैं. यानी आयोग किन बातों पर रिपोर्ट देगा, यह साफ नहीं है. बजट 2025 में भी इसके खर्च का कोई सीधा ज़िक्र नहीं किया गया था.
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