Patna : दिल्ली की राउज एवेन्यू अदालत ने बिहार के पूर्व CM लालू प्रसाद यादव के बेटे तेज प्रताप यादव को मालदीव यात्रा की सशर्त अनुमति दे दी है. विशेष न्यायाधीश विशाल गोगने की अदालत ने 17 से 23 मई के बीच यात्रा की अनुमति देते हुए कहा कि गंभीर आरोपों के बावजूद कोई भी जमानतशुदा आरोपी अपने विदेश यात्रा के अधिकार से सिर्फ आरोपों के आधार पर वंचित नहीं किया जा सकता.
शर्तों के साथ दी गई अनुमति
कोर्ट ने तेज प्रताप यादव को निर्देश दिया है कि वे ₹25,000 की जमानत राशि जमा करें और यात्रा से जुड़ी सभी जरूरी जानकारियां जैसे कि ठहरने का स्थान, स्थानीय संपर्क नंबर और पूरा यात्रा कार्यक्रम अदालत में जमा कराएं. कोर्ट ने यह भी साफ किया कि यात्रा अवधि में कोई भी विस्तार नहीं किया जाएगा और अनुमति का किसी भी प्रकार से दुरुपयोग बर्दाश्त नहीं किया जाएगा.
गवाहों या साक्ष्यों से छेड़छाड़ नहीं कर सकेंगे
अदालत ने तेज प्रताप को स्पष्ट रूप से निर्देश दिया है कि वे इस दौरान किसी भी गवाह को प्रभावित करने या साक्ष्य से छेड़छाड़ की कोशिश नहीं करेंगे. अदालत का यह आदेश ऐसे समय आया है जब तेज प्रताप यादव ‘जमीन के बदले नौकरी’ घोटाले में आरोपी हैं.
क्या है मामला?
यह मामला उस घोटाले से जुड़ा है जिसमें आरोप है कि लालू प्रसाद यादव के रेल मंत्री कार्यकाल (2004-2009) के दौरान रेलवे में ग्रुप डी की नौकरियों के बदले उम्मीदवारों से उनके नाम पर जमीन ली गई थी. इस मामले में लालू प्रसाद यादव, उनकी पत्नी राबड़ी देवी, दो बेटियां, तेज प्रताप यादव समेत कई लोगों को आरोपी बनाया गया है. यह मामला केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (CBI) द्वारा दर्ज किया गया था.
राजनीतिक हलकों में हलचल
अदालत के इस फैसले के बाद राजनीतिक गलियारों में हलचल तेज हो गई है. एक हाई-प्रोफाइल और राजनीतिक रूप से संवेदनशील मामले में आरोपी को विदेश यात्रा की अनुमति मिलना विपक्षी दलों के लिए सवाल उठाने का एक नया मुद्दा बन सकता है. तेज प्रताप यादव को इससे पहले 11 मार्च को समन के जवाब में अदालत में पेश होने के बाद नियमित जमानत मिल चुकी है. अब कोर्ट की सशर्त अनुमति के बाद वे 17 से 23 मई तक मालदीव की यात्रा कर सकेंगे.
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