Ranchi : विवाह एवं पारिवारिक मामलों के निपटारे के लिए जिला विधिक सेवा प्राधिकार (डालसा), रांची द्वारा आयोजित विशेष मध्यस्थता अभियान का शुक्रवार को सफल समापन हो गया। यह अभियान 16 जून 2025 से 20 जून 2025 तक चलाया गया था, जिसमें कुल 193 लंबित वादों में से 97 मामलों का सफलतापूर्वक निस्तारण किया गया।
डालसा सचिव रवि कुमार भास्कर ने बताया कि इस अभियान में अधिवक्ता मध्यस्थों, विशेषज्ञ मध्यस्थों एवं अधिवक्ताओं ने समर्पण भाव से भागीदारी की, जिसके परिणामस्वरूप पहले दिन 37, दूसरे दिन 29, तीसरे और चौथे दिन 11-11 और अंतिम दिन 9 मामलों का समाधान निकाला गया।
उन्होंने बताया कि यह पहल माननीय झालसा (झारखंड राज्य विधिक सेवा प्राधिकार) के निर्देश पर की गई थी, जिसका उद्देश्य न्यायालयों में लंबित पारिवारिक वादों का वैकल्पिक समाधान उपलब्ध कराना था।
एक उल्लेखनीय मामला: छह साल बाद टूटा गतिरोध
अभियान के दौरान वाद संख्या ओ.एस. 142/2025 को दो मध्यस्थताओं के दौर में सफलतापूर्वक सुलझा लिया गया। यह वाद पिछले छह वर्षों से पति-पत्नी के बीच विवाद को लेकर लंबित था। दोनों के बीच अलगाव के कारण उनकी सात वर्षीय पुत्री भी पिता से दूर रह रही थी। अधिवक्ता मध्यस्थ एल.के. गिरि, सहयोगी मध्यस्थ ममता चौधरी, और दोनों पक्षों के अधिवक्ता मो. इमरान और मो. जमीलूर रहमान के प्रयासों से यह मामला सुलझा, जिससे न सिर्फ दो परिवारों के बीच की दूरी खत्म हुई बल्कि एक बच्ची को अपने पिता का स्नेह भी प्राप्त हुआ।
डालसा सचिव रवि कुमार भास्कर ने कहा, “मध्यस्थों की भूमिका न केवल वादों के समाधान में अहम है, बल्कि वे समाज को टूटने से भी बचाते हैं। भविष्य में भी ऐसे अभियानों के माध्यम से न्यायिक प्रक्रियाओं को सरल व सुलभ बनाया जाएगा।”
यह अभियान पारिवारिक विवादों के समाधान के लिए वैकल्पिक प्रणाली के रूप में मध्यस्थता की उपयोगिता को एक बार फिर से रेखांकित करता है।
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