Ranchi : झारखंड प्रदेश राष्ट्रीय जनता दल (राजद) के महासचिव एवं मीडिया प्रभारी कैलाश यादव ने जातीय जनगणना और आरक्षण के मुद्दे पर भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर जमकर निशाना साधा। उन्होंने कहा कि पीएम मोदी जातीय जनगणना और आरक्षण के हमेशा विरोधी रहे हैं, और अब उन्हीं मुद्दों का श्रेय लेने की कोशिश कर रहे हैं।
कैलाश यादव ने कहा कि भाजपा की राजनीति शुरू से ही दलित, पिछड़ा, अल्पसंख्यक और आदिवासी विरोधी रही है और उनकी विचारधारा कट्टरपंथी और सांप्रदायिक संगठन आरएसएस से प्रेरित है।
उन्होंने कहा कि बाबा साहब भीमराव अंबेडकर ने जब हिंदू सिविल कोड, जाति आधारित जनगणना और आरक्षण की वकालत की, तब आरएसएस और हिंदू महासभा जैसे संगठनों ने उनके खिलाफ विरोध प्रदर्शन किए थे। बाबा साहब को सामाजिक और जातीय उत्पीड़न के चलते 10 लाख लोगों के साथ बौद्ध धर्म अपनाना पड़ा था।
यादव ने 1990 के मंडल कमीशन की चर्चा करते हुए कहा कि उस समय ओबीसी को 27%, एससी को 15% और एसटी को 7.5% आरक्षण मिला। लेकिन बीजेपी ने इस फैसले का विरोध किया और कोर्ट में चुनौती दी। उन्होंने कहा कि भाजपा ने मंडल के खिलाफ कमंडल की राजनीति की और सामाजिक न्याय की राह में रोड़ा अटकाया।
पीएम मोदी पर हमला करते हुए यादव ने कहा कि मोदी ने खुद को ओबीसी बताकर देश से वोट लिया और तीन बार प्रधानमंत्री बने, लेकिन जब विपक्ष जातीय जनगणना और आरक्षण सीमा बढ़ाने की बात करता है तो पीएम मोदी उन्हें ‘अर्बन नक्सल’ कहकर बदनाम करते हैं।
उन्होंने सवाल उठाया कि एक तरफ बीजेपी जातीय जनगणना का विरोध करती है और दूसरी तरफ उसका श्रेय लेना चाहती है, यह “घर में राम, बगल में छुरी” जैसी कहावत को साबित करता है।
यादव ने कहा कि जातीय जनगणना समाजवादी आंदोलन का परिणाम है, जिससे देश की 90 फीसदी आबादी को सामाजिक, आर्थिक, शैक्षणिक और राजनीतिक क्रांति का लाभ मिलेगा। इससे जनता को मौलिक अधिकारों के साथ सत्ता में भागीदारी सुनिश्चित करने की ताकत मिलेगी।
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