Close Menu
    Facebook X (Twitter) Instagram
    16 Sep, 2025 ♦ 8:32 AM
    • About Us
    • Contact Us
    • Webmail
    Facebook X (Twitter) Instagram YouTube Telegram WhatsApp
    Johar LIVEJohar LIVE
    • होम
    • देश
    • विदेश
    • झारखंड
      • कोडरमा
      • खूंटी
      • गढ़वा
      • गिरिडीह
      • गुमला
      • गोड्डा
      • चतरा
      • चाईबासा
      • जमशेदपुर
      • जामताड़ा
      • दुमका
      • देवघर
      • धनबाद
      • पलामू
      • पाकुड़
      • बोकारो
      • रांची
      • रामगढ
      • लातेहार
      • लोहरदगा
      • सराइकेला-खरसावां
      • साहेबगंज
      • सिमडेगा
      • हजारीबाग
    • राजनीति
    • बिहार
    • कारोबार
    • खेल
    • सेहत
    • अन्य
      • मनोरंजन
      • शिक्षा
      • धर्म/ज्योतिष
    Johar LIVEJohar LIVE
    Home»देश»अब दवाओं पर भी लगेगा ट्रंप टैरिफ, भारत पर पड़ेगा कितना असर?
    देश

    अब दवाओं पर भी लगेगा ट्रंप टैरिफ, भारत पर पड़ेगा कितना असर?

    Bhumi SharmaBy Bhumi SharmaApril 10, 2025Updated:April 10, 2025No Comments4 Mins Read
    Share Facebook Twitter Telegram WhatsApp Email Copy Link
    डोनाल्ड ट्रंप
    Share
    Facebook Twitter Telegram WhatsApp Email Copy Link

    Johar live desk: अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने एक बार फिर वैश्विक व्यापार को हिलाने वाला ऐलान किया है। वाशिंगटन में नेशनल रिपब्लिकन कांग्रेसनल कमेटी के डिनर में अपने भाषण के दौरान उन्होंने कहा, “हम बहुत जल्द फार्मास्यूटिकल्स पर एक बड़ा टैरिफ लगाने की घोषणा करने जा रहे हैं।” यह बयान ऐसे समय में आया है, जब पिछले हफ्ते घोषित रेसिप्रोकल टैरिफ बुधवार, 9 अप्रैल 2025 से लागू हो गए हैं। भारत, जो अपने फार्मा निर्यात का 31.5 प्रतिशत अमेरिका को भेजता है, के लिए यह खबर किसी बड़े झटके से कम नहीं है। ट्रंप की इस नीति से भारत की दवा कंपनियों पर भारी दबाव पड़ सकता है, जो पहले से ही वैश्विक आपूर्ति श्रृंखला और प्रतिस्पर्धा से जूझ रही हैं।

    भारत का फार्मा निर्यात और अमेरिका पर निर्भरता

    भारत अमेरिका को हर साल करीब 12.7 बिलियन डॉलर की दवाएं निर्यात करता है, जिसमें जेनेरिक दवाओं का बड़ा हिस्सा शामिल है। हेल्थकेयर डेटा कंपनी आईक्यूवीआईए के अनुसार, 2022 में अमेरिका में दी गई हर दस प्रिस्क्रिप्शनों में से चार भारतीय कंपनियों की थीं। ये जेनेरिक दवाएं अमेरिकी हेल्थकेयर सिस्टम की लागत को कम रखने में अहम भूमिका निभाती हैं, जो दुनिया के सबसे महंगे स्वास्थ्य सिस्टमों में से एक है। पिछले हफ्ते जब ट्रंप ने 180 से अधिक देशों पर रेसिप्रोकल टैरिफ की घोषणा की थी, तब फार्मास्यूटिकल्स को कॉपर, सेमीकंडक्टर, लकड़ी, बुलियन और ऊर्जा जैसे क्षेत्रों के साथ छूट दी गई थी। लेकिन अब ट्रंप का ताजा बयान इस छूट को खत्म करने की ओर इशारा करता है, जिससे भारत की फार्मा इंडस्ट्री में हड़कंप मच गया है।
    ट्रंप ने अपने भाषण में कहा, “टैरिफ के बाद फार्मा कंपनियां चीन और अन्य देशों को छोड़ देंगी, क्योंकि उन्हें अपने ज्यादातर उत्पाद अमेरिका में बेचने हैं। वे पूरे देश में नए प्लांट खोलेंगी।” उनका मानना है कि यह कदम अमेरिकी विनिर्माण को बढ़ावा देगा और विदेशी कंपनियों को अमेरिका में उत्पादन के लिए मजबूर करेगा। हालांकि, उन्होंने भारत का नाम सीधे तौर पर नहीं लिया, लेकिन भारत पर पहले से ही 26 प्रतिशत रेसिप्रोकल टैरिफ लागू हो चुका है, जो आज से प्रभावी है। अब फार्मा पर अलग से टैरिफ की बात ने चिंता बढ़ा दी है। ट्रंप का कहना है कि यह नीति अमेरिकी अर्थव्यवस्था को “मुक्ति दिवस” देगी, लेकिन इसके वैश्विक प्रभाव गहरे हो सकते हैं।

    भारत को कैसे लगेगा झटका?

    भारत की फार्मा इंडस्ट्री के लिए अमेरिका सबसे बड़ा बाजार है। अगर फार्मास्यूटिकल्स पर टैरिफ लगता है, तो भारतीय दवाओं की कीमतें अमेरिकी बाजार में बढ़ जाएंगी, जिससे उनकी प्रतिस्पर्धात्मकता कम होगी। विशेषज्ञों का मानना है कि भारतीय कंपनियां, जो पहले से ही कम मार्जिन पर काम करती हैं, इस अतिरिक्त लागत को पूरी तरह से ग्राहकों पर नहीं डाल पाएंगी। इससे उनकी आय और निर्यात में कमी आ सकती है। साथ ही, अगर अमेरिका में उत्पादन शुरू करने की बात आई, तो वहां की ऊंची श्रम लागत और नए प्लांट स्थापित करने में लगने वाला समय भारतीय कंपनियों के लिए चुनौती बन सकता है।
    हालांकि, कुछ विश्लेषकों का कहना है कि भारत के पास अभी भी मौका है। अगर भारत अमेरिका से आयातित दवाओं पर 10.91 प्रतिशत टैरिफ को हटा दे, तो शायद ट्रंप प्रशासन फार्मा पर टैरिफ लगाने से पीछे हटे। लेकिन यह आसान नहीं होगा, क्योंकि दोनों देशों के बीच चल रही द्विपक्षीय व्यापार वार्ता जटिल है और इसमें समय लग सकता है।

    वैश्विक ट्रेड वॉर का खतरा

    ट्रंप के इस कदम ने ट्रेड वॉर की आशंकाओं को और हवा दे दी है। पिछले हफ्ते चीन पर 34 प्रतिशत टैरिफ के जवाब में अमेरिका ने 50 प्रतिशत अतिरिक्त टैरिफ लगाया, जिससे चीनी आयात पर कुल टैरिफ 104 प्रतिशत तक पहुंच गया। अब फार्मा पर टैरिफ की बात ने वैश्विक आपूर्ति श्रृंखला को और अस्थिर करने की आशंका पैदा कर दी है। भारत के लिए यह स्थिति दोहरी मार हो सकती है- एक तरफ निर्यात प्रभावित होगा, तो दूसरी तरफ वैश्विक मंदी की आशंका से घरेलू बाजार भी दबाव में आ सकता है।

    Follow on Facebook Follow on X (Twitter) Follow on Instagram Follow on YouTube Follow on WhatsApp Follow on Telegram
    Share. Facebook Twitter Pinterest LinkedIn Tumblr Telegram WhatsApp Email Copy Link
    Previous Articleआजसू ने किया डॉ एसपी सिंह को याद, दी श्रद्धांजलि
    Next Article राजधानी का बदला मौसम, लगातार बढ़ती गर्मी से मिली राहत

    Related Posts

    देश

    पैर नहीं छूने पर 31 छात्रों को पीटने के आरोप में सहायक शिक्षिका निलंबित

    September 15, 2025
    देश

    राजनीतिक दलों पर नहीं लागू होगा महिला सुरक्षा कानून : SC

    September 15, 2025
    झारखंड

    हजारीबाग के नक्सल ऑपरेशन की गृह मंत्री अमित शाह ने की सराहना, बोले- नक्सलवाद समाप्ति की ओर

    September 15, 2025
    Latest Posts

    जमशेदपुर के SSP पीयूष पाण्डेय का कड़ा निर्देश : लंबित मामलों पर हो त्वरित कार्रवाई…

    September 15, 2025

    पैर नहीं छूने पर 31 छात्रों को पीटने के आरोप में सहायक शिक्षिका निलंबित

    September 15, 2025

    पंजाब में राहत कार्य के लिए जमशेदपुर से रवाना होगा सेंट्रल रिलीफ एंड वेलफेयर ट्रस्ट…

    September 15, 2025

    सरायकेला DC ने पूजा पंडालों का किया निरीक्षण, सुरक्षा और ट्रैफिक व्यवस्था पर दिया जोर…

    September 15, 2025

    सालुका गांव में उत्तम मंडल की हत्या पर आक्रोश, ग्रामीण व भाजपा कार्यकर्ताओं ने किया नाला-सालुका मार्ग जाम…

    September 15, 2025

    © 2025 Johar LIVE. Designed by Forever Infotech. | About Us | AdSense Policy | Privacy Policy | Terms and Conditions | Contact Us

    Type above and press Enter to search. Press Esc to cancel.