Patna : सरकारी स्कूलों में मिड डे मील (MDM) की व्यवस्था को लेकर लगातार मिल रही शिकायतों को गंभीरता से लेते हुए शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव डॉ. एस. सिद्धार्थ ने सभी जिलाधिकारियों को कड़ा निर्देश जारी किया है. उन्होंने साफ कहा है कि मिड डे मील समय पर न मिलने की स्थिति में अब केवल प्रिंसिपल ही नहीं, बल्कि DPO (MDM), जिला कार्यक्रम प्रबंधक, प्रखंड और जिला साधनसेवी पर भी कार्रवाई की जाएगी.
डॉ. सिद्धार्थ ने आज यानी शुक्रवार को सभी जिलाधिकारियों को पत्र भेजकर कहा कि राज्य खाद्य निगम के माध्यम से स्कूलों को समय पर चावल आवंटित कराया जाए और MDM संचालन में किसी भी तरह की अनियमितता नहीं होनी चाहिए. उन्होंने इस बात पर चिंता जताई कि छात्रों की उपस्थिति में फर्जीवाड़ा, निर्धारित मेन्यू के अनुसार भोजन नहीं देना, केंद्रीयकृत रसोई घर से कम गुणवत्ता वाला खाना भेजना और बच्चों की संख्या के अनुसार भोजन की कम आपूर्ति जैसे मामलों की शिकायतें बार-बार सामने आ रही हैं, जो बेहद खेदजनक हैं.
जवाबदेही की नई परिभाषा
डॉ. सिद्धार्थ ने यह स्पष्ट किया कि अब MDM योजना में अनियमितता की स्थिति में केवल स्कूल स्तर पर कार्रवाई नहीं होगी, बल्कि योजना से जुड़े अन्य अधिकारियों की भी समान जवाबदेही तय की जाएगी. उन्होंने कहा कि MDM व्यवस्था बाधित होने पर DPO MDM, जिला कार्यक्रम प्रबंधक और साधनसेवियों को भी जिम्मेदार माना जाएगा और उनके खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई की जाएगी.
नई निगरानी व्यवस्था लागू
इस दिशा में सुधार के लिए शिक्षा विभाग ने पायलट प्रोजेक्ट के तहत कुछ स्कूलों में MDM की निगरानी और प्रबंधन की जिम्मेदारी प्रभारी शिक्षकों को सौंपी है. 13 मई से शुरू हुए इस पायलट प्रोजेक्ट में प्रभारी शिक्षक स्कूल शुरू होने के एक घंटे बाद छात्रों की उपस्थिति का फोटो लेकर उसके अनुसार रसोइयों को खाद्य सामग्री देंगे. साथ ही भोजन की गुणवत्ता और वितरण की निगरानी भी करेंगे. यह पायलट परियोजना 16 जून तक चलेगी और यदि सफल रही तो इसे राज्यभर में लागू किया जाएगा.
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