Ranchi: खाद्य आपूर्ति और सार्वजनिक वितरण प्रणाली में पारदर्शिता और कार्यकुशलता लाने को लेकर मुख्य सचिव अलका तिवारी ने सोमवार को समीक्षा बैठक की। बैठक में उन्होंने राज्य के सभी उपायुक्तों को निर्देश दिया कि किसी भी योग्य लाभुक को योजना से वंचित न किया जाए। साथ ही मृत लाभुकों को प्राथमिकता के साथ सूची से हटाकर नये पात्र लाभुकों को जोड़ा जाए।
मुख्य सचिव ने कहा कि लाभुकों के केवाईसी पूर्ण हों और डाटा में कोई त्रुटि न रहे। यदि प्रक्रिया में किसी प्रकार की दिक्कत हो तो उसका परीक्षण कर समयबद्ध निपटारा सुनिश्चित किया जाए। उन्होंने हर माह भौतिक निरीक्षण करने और रिकार्ड व बुक-कीपिंग को अपडेट रखने का भी निर्देश दिया।
उन्होंने निर्धन परिवारों के बीच साल में दो बार धोती और साड़ी वितरण सुनिश्चित करने पर बल दिया। इसके लिए उड़नदस्ता टीम बनाकर वितरण की जांच करने और यह देखने को कहा गया कि किसी स्तर पर अनियमितता न हो। उन्होंने यह भी निर्देश दिया कि लाभुकों को योजनाओं की मूलभूत जानकारी अवश्य हो। इसके लिए होर्डिंग, फ्लैक्स और नुक्कड़ नाटक जैसे माध्यमों का स्थानीय भाषा में उपयोग किया जाए ताकि लोगों को यह स्पष्ट हो कि उन्हें क्या, कब, कहां और कितना मिलना है।
बैठक में पाया गया कि मामूली कमियों के कारण कई गोदाम उपयोग में नहीं आ पा रहे हैं। इस पर मुख्य सचिव ने उपायुक्तों से कहा कि वे पहल कर 20 सितंबर तक सभी गोदामों को कार्यशील बनाएं। उन्होंने यह भी कहा कि दिसंबर से धान की खरीद प्रक्रिया शुरू होगी, इसलिए गोदामों का रख-रखाव, मूलभूत सुविधाओं की व्यवस्था और भुगतान की त्वरित प्रक्रिया पर अभी से काम शुरू किया जाए। सहकारिता विभाग के गोदामों का आकलन कर उनका उपयोग करने और स्वीकृत नये गोदामों के निर्माण में तेजी लाने का भी निर्देश दिया गया।
मुख्य सचिव ने कहा कि खाद्यान्न वितरण समय पर उठाव पर निर्भर करता है, इसलिए उठाव प्रक्रिया पर पैनी नजर रखी जाए। इस पर निगरानी के लिए सेंट्रल कंट्रोल एंड कमांड सेंटर बनाया गया है।
बैठक में खाद्य सचिव उमाशंकर सिंह और विभाग के अन्य वरिष्ठ अधिकारी मौजूद थे, जबकि राज्य के सभी उपायुक्त ऑनलाइन माध्यम से जुड़े।