पीएलएफआई सुप्रीमो दिनेश गोप को सरेंडर कराने की खूंटी पुलिस ने की पहल, माँ-पिता से मिलकर हुई सार्थक बातचीत

रांची। 25 लाख का इनामी पीएलएफआई सुप्रीमो दिनेश गोप को सरेंडर कराने की खूंटी पुलिस ने पहल की है। खूंटी एसपी अमन कुमार के निर्देश पर तोरपा के पुलिस इंस्पेक्टर दिग्विजय सिंह और रनिया थाना प्रभारी सत्यजीत कुमार रांची जाकर दिनेश गोप के माता-पिता व बहनोई से मिले। पुलिस ने माता-पिता से कहा कि अपने बेटे को समझाने का प्रयास करें कि वो मुख्यधारा में लौट आये और आत्मसमर्पण कर दे।

झारखंड सरकार की सरेंडर नीति का लाभ मिलेगा और जान भी बच जायेगी। इंस्पेक्टर ने कहा कि पीएलएफआई में गिनेचुने लोग ही बचे हैं। पुलिस की गोली से मरने से अच्छा है कि सरेंडर कर दे। पिछले दिन हुए एक मुठभेड में दिनेश गोप को गोली भी लगी है। माता-पिता ने कहा कि उनकी बात दिनेश गोप से नहीं होती है। वह घर कभी आता भी नहीं है। किसी माध्यम से खबर कर सरेंडर करने के लिए उसे समझायेंगे।

खूंटी पुलिस ने दिनेश गोप के माता-पिता से रांची में की मुलाकात

खूंटी पुलिस की एक टीम शुक्रवार शाम को दिनेश गोप के परिवार वालों से मिलने रांची पहुंची। नक्सली दिनेश गोप के पिता कामेश्वर गोप व उसकी मां और बहनोई परमेश्वर यादव से मुलाकात की। पुलिस ने अपील करते हुए कहा कि अपने बेटे को आत्मसमर्पण करने के लिए समझाएं ताकि सरेंडर करने के कुछ सालों तक जेल में रहने के बाद अपने परिवार के साथ सुरक्षित रह सके। अगर वो ऐसा नहीं करता पुलिस उसे कभी भी मुठभेड़ में मार देगी और अगर पकड़ा गया तो लंबे समय तक जेल में ही रहेगा।