ह्यूस्टन हुआ मोदीमय, उर्जा के क्षेत्र में भारत और अमेरिका के बीच समझौता, पढ़ें पूरी रिपोर्ट

JoharLive Desk

ह्यूस्टन : भारत और अमेरिकी कंपनीयों के बीच उर्जा के क्षेत्र में रविवार को एक समझौता हुआ।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी इस समझौते पर हस्ताक्षर के दौरान मौजूद थे। उन्होंने ट्वीट कर बताया,“टेलुरियन और पेट्रोनेट एलएनजी के बीच समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए जाने का गवाह बना।”

भारतीय पेट्रोलियम कंपनी पेट्रोनेट ने यहां अमेरिका की प्राकृतिक गैस (एलएनजी) कंपनी टेलुरियन से 50 लाख टन एलएनजी प्रति वर्ष आयात करने के समझौते पर हस्ताक्षर किये।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी शनिवार को सात दिन के दौरे पर अमेरिका पहुचें। उनके यहां पहुंचने के बाद विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रवीश कुमार ने ट्वीट कर बताया कि श्री मोदी ने ऊर्जा क्षेत्र के शीर्ष मुख्य कार्यकारी अधिकारीयों के साथ सार्थक मुलकात की है।
श्री कुमार ने ट्वीट कर कहा,“श्री मोदी ने हूस्टन में ऊर्जा क्षेत्र की कंपनियों के शीर्ष अधिकारीयों के साथ सार्थक बातचीत की है। उन्होंने ऊर्जा सुरक्षा और दोनों देशों में आपसी निवेश के मौकों को बढ़ावा देने के लिए साथ में काम करने के मुद्दे पर भी बातचीत की है।”
इससे पहले प्रधानमंत्री कार्यालय की ओर से ट्वीट कर कहा गया,“ भारत-अमेरिका मित्रता को और मजबूत करना है तथा दोनों देश ऊर्जा क्षेत्र में परस्पर सहयोग में विविधता लाने की संभावनाओं को तलाश करेंगे। ”
श्री मोदी के शनिवार को यहां पहुंचने पर भव्य स्वागत हुआ। इस मौके पर प्रमुख ऊर्जा क्षेत्र की कंपनियों जैसे बीपी, एक्सॉन मोबिल, स्क्लूमबरजर, बेकर ह्यूजेस, विंमर इंटरनेशनल, चेनियर एनर्जी, डोमिनियन एनर्जी, आईएचएस मार्किट और एमर्सन इलेक्ट्रिक कंपनी के शीर्ष प्रतिनिधि और मुख्य कार्यकारी अधिकारी मौजूद थे। इसके अलावा भारत में अमेरिका के राजदूत केन जस्टर भी इस मौके पर मौजूद थे।
श्री मोदी एक सप्ताह के अमेरिका के दौरे पर हैं। उनके साथ विदेश मंत्री डॉ. एस. जशंकर, विदेश सचिव अजय गोखले और अमेरिका में भारत के राजदूत हर्षवर्धन श्रृंगला भी यहां आये हैं।
श्री मोदी ने अपने पहले ट्वीट में कहा, “यहां ह्यूस्टन में एक चमकदार दोपहर है। इस गतिशील और ऊर्जावान शहर में कार्यक्रमों की एक विस्तृत श्रृंखला की प्रतीक्षा कर रहा हूं।”
गौरतलब है कि श्री मोदी ने भारत में ऊर्जा क्षेत्र में प्राकर्तिक गैस के भंडार को आने वाले वर्षों में15 प्रतिशत तक ले जाने का लक्ष्य तय किया है जो वर्तमान में लगभग 6.5 फीसदी है। मई 2019 में दूसरी बार देश के प्रधानमंत्री बनने के बाद श्री मोदी की यह पहली अमेरिका यात्रा है।