Patna : बिहार में स्वास्थ्य सेवाओं को और सशक्त करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम उठाया गया है। राज्य के स्वास्थ्य मंत्री मंगल पांडेय ने आज यानी गुरुवार को पटना के अगमकुआं स्थित जीएनएम प्रशिक्षण संस्थान, एनएमसीएम में 30 करोड़ रुपये की लागत से निर्मित अत्याधुनिक औषधि नियंत्रण प्रयोगशाला का उद्घाटन किया। यह प्रयोगशाला नवीनतम तकनीकों से सुसज्जित है, जिसके माध्यम से अब बिहार में ही दवाओं और खाद्य उत्पादों की गुणवत्ता की जांच संभव होगी।
नकली दवाओं पर लगेगी लगाम : स्वास्थ्य मंत्री
उद्घाटन समारोह में स्वास्थ्य मंत्री मंगल पांडेय ने कहा कि यह प्रयोगशाला स्वास्थ्य सुरक्षा के क्षेत्र में क्रांतिकारी बदलाव लाएगी। उन्होंने बताया कि पहले दवाओं और खाद्य उत्पादों की गुणवत्ता जांच के लिए सैंपल कोलकाता जैसे शहरों में भेजे जाते थे, जिसमें महीनों का समय लगता था। अब इस प्रयोगशाला के शुरू होने से जांच प्रक्रिया तेज होगी और नकली या घटिया दवाओं को बाजार से हटाने में भी त्वरित कार्रवाई हो सकेगी। मंत्री ने आगे कहा, “यह प्रयोगशाला बिहार की 13 करोड़ जनता के लिए स्वास्थ्य सुरक्षा की एक मजबूत गारंटी है। हम न केवल बेहतर इलाज की सुविधा दे रहे हैं, बल्कि यह भी सुनिश्चित कर रहे हैं कि मरीजों को केवल गुणवत्तापूर्ण दवाएं ही मिलें।” उन्होंने इस पहल को केंद्र सरकार के “सुरक्षित भारत, स्वस्थ भारत” के विजन को मजबूती प्रदान करने वाला बताया।
वरिष्ठ अधिकारियों की मौजूदगी में हुआ उद्घाटन
इस अवसर पर विधानसभा अध्यक्ष नंद किशोर यादव, अपर मुख्य सचिव (स्वास्थ्य) प्रत्यय अमृत, BMSICL के MD दिवेश रामचन्द्र देवरे सहित कई वरिष्ठ अधिकारी और नेता उपस्थित थे। प्रयोगशाला में 28 अत्याधुनिक उपकरण स्थापित किए गए हैं, जो दवाओं और खाद्य पदार्थों की सूक्ष्म स्तर पर जांच करने में सक्षम हैं। यह सुविधा बिहार को स्वास्थ्य क्षेत्र में आत्मनिर्भर बनाएगी और तकनीकी रूप से स्वास्थ्य विभाग को नई ऊंचाइयों तक ले जाएगी।
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