गिरिडीह : सीएम हेमंत सोरेन ने दी 79381.621 लाख की 188 योजनाओं की सौगात, 15 हज़ार लाभुकों के बीच किया परिसंपत्तियों का वितरण

गिरिडीह : मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने आज गिरिडीह वासियों को बड़ी सौगात दी है। सीएम हेमंत ने 79381.621 लाख रुपए की लागत वाली 188 योजनाओं का उद्घाटन और शिलान्यास किया है। कार्यक्रम में मुख्यमंत्री ने 15 हजार लाभुकों के बीच परिसंपत्तियों का भी वितरण किया है।

आपकी उम्मीदों और आकांक्षाओं को पूरा करने के लिए हमारी सरकार प्रतिबद्ध

कार्यक्रम में उपस्थित लोगों को संबोधित करते हुए सीएम हेमंत सोरेन ने कहा कि आपकी उम्मीदों और आकांक्षाओं को पूरा करने के लिए हमारी सरकार प्रतिबद्ध है। यह सरकार हर किसी की बात सुनती है और उसका समाधान करती है। सरकार जनता के साथ लगातार संवाद कर रही है। मैं भी लगातार क्षेत्र भ्रमण कर रहा हूं, ताकि योजनाओं की जमीनी हकीकत के साथ आपकी समस्याओं को जान और समझ सकूँ। मुख्यमंत्री श्री हेमन्त सोरेन आज गिरिडीह के डुमरी में योजनाओं के उद्घाटन- शिलान्यास एवं परिसंपत्ति वितरण समारोह को संबोधित कर रहे थे।

राज्य की तस्वीर और तकदीर बदलने का कर रहे काम

मुख्यमंत्री ने कहा कि झारखंड के अलग राज्य बने दो दशक से ज्यादा हो चुके हैं। लेकिंन शिक्षा, स्वास्थ्य और रोजगार एवं कई अन्य क्षेत्र में राज्य वासियों की उम्मीदें पूरी नहीं हो सकी। गरीबी और पिछड़ापन का टैग झारखंड के साथ जुड़ा रहा। लेकिन, हमारी सरकार विभिन्न चुनौतियों के बीच लगातार राज्य के विकास को गति देने का काम कर रही है हम कोरोना काल में भी लोगों को जीवन और जीविका के साधन उपलब्ध कराए और अब झारखंड को अग्रणी राज्यों की श्रेणी में खड़ा करने के लिए पूरी ताकत के साथ काम कर रहे हैं।

बड़े पैमाने पर हो रही नियुक्ति, पारदर्शिता का पूरा रखा जा रहा ख्याल

मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य में नियुक्तियों का सिलसिला शुरू हो चुका है । कई विभागों में बड़े पैमाने पर अभ्यर्थियों के बीच नियुक्ति पत्र बांटे जा चुके हैं और आगे भी यह जारी रहेगा। प्रतियोगिता परीक्षाओं का रिजल्ट समय पर प्रकाशित हो और इसमें पूरी पारदर्शिता का ख्याल रखा जाए, इस बाबत अधिकारियों को कड़े निर्देश दिए गए हैं। अगर इसमे किसी भी प्रकार की गड़बड़ी होती है, तो आरोपियों के खिलाफ कड़ी कानूनी कार्रवाई की जाएगी।

वर्षों से लंबित समस्याओं का कर रहे समाधान

मुख्यमंत्री ने कहा कि हमारी सरकार समस्याओं को लटकाने की बजाए उसके निपटारे की नीति पर कार्य कर रही है। पारा शिक्षकों और सहायिका- सेविका के वर्षों से लंबित मांगों को पूरा करने का काम किया है तो सरकारी कर्मचारियों के लिए पुरानी पेंशन योजना फिर से बहाल कर दी गई है। दूसरी तरफ ष्सरकार आपके द्वारष् कार्यक्रम के मार्फत सुदूर ग्रामीण इलाकों में रहने वाले लोगों के दरवाजे पर पहुंचकर अधिकारियों ने आपकी समस्याओं का समाधान किया है और आपको विभिन्न योजनाओं से जोड़ा है।

बेहतर और गुणवत्ता युक्त शिक्षा पर विशेष फोकस

मुख्यमंत्री ने कहा कि अब निजी विद्यालयों से भी बेहतर शिक्षा सरकारी विद्यालय में देंगे की दिशा में सरकार ने कदम बढ़ा दिए हैं। स्कूल ऑफ एक्सीलेंस इसका उदाहरण है यहां के शिक्षकों को आईआईएम से प्रशिक्षण दिलाया गया है, ताकि वे आधुनिक एवं गुणवत्ता युक्त शिक्षा बच्चों को दे सके । इसके अलावा विद्यालयों में प्रिंसिपल, वाइस प्रिंसिपल और विशेषज्ञ शिक्षकों की नियुक्ति की जा रही है। वहीं, खेल और संगीत की भी पढ़ाई होगी।

खेलों को नया आयाम देने का प्रयास

मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य में खेल और खिलाड़ियों के विकास की दिशा में भी कई योजनाएं चलाई जा रही हैं। गांव -पंचायतों में खेल मैदान विकसित किए जा रहे हैं । पंचायत से लेकर राज्य स्तर तक खेल प्रतियोगिताओं का आयोजन हो रहा है। विद्यालयों को खेल सामग्री उपलब्ध कराई जा रही है। इसी कड़ी में के राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर की खेल प्रतियोगिताओं का भी झारखंड में आयोजन होगा।

प्रवासी मजदूरों के लिए भी कई योजनाएं

मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य से रोजगार के लिए बड़ी संख्या में मजदूरों का पलायन होता है। इन मजदूरों के कल्याण एवं हितों के संवर्धन के लिए सरकार प्रतिबद्ध है। इसी कड़ी में विभिन्न राज्यों के साथ समझौता करने की कार्य योजना बनाई है । इसी कड़ी में महाराष्ट्र के साथ समझौता हो चुका है। यहां अब झारखंड के मजदूरों के लिए सेन्टर होगा। यहां अधिकारी भी प्रतिनियुक्त किए जाएंगे, जो मजदूरों की समस्याओं को सुनेंगे और उसका समाधान करेंगे।