पहले एमटीएस बनाने में फूंक दिए करोड़ों, अब दोबारा 28 करोड़ खर्चने की तैयारी

रांची : राजधानी में वेस्ट डिस्पोजल और सेग्रीगेशन के नाम पर रांची नगर हर साल करोड़ों रुपए फूंक रहा है. वहीं एक दर्जन से अधिक मिनी ट्रांसफर स्टेशन के निर्माण में लगभग 39 करोड़ रुपए फूंकने के बाद भी इसका सफल संचालन नहीं हो पाया. आज कई एमटीएस बेकार हो गए. अब एकबार फिर से रांची नगर निगम नए मिनी ट्रांसफर स्टेशन बनाने जा रहा है. जिसके लिए 28 करोड़ रुपए से अधिक राशि स्वीकृत की गई है. वहीं छह महीने के अंदर 8 नए एमटीएस का निर्माण कराने का निर्देश दिया गया है. जिससे कि घरों से निकलने वाले कचरे को कलेक्ट करने के बाद अलग-अलग किया जा सके. इसके बाद कचरे को झिरी डंपिंग यार्ड भेजा जाएगा.

नया एमटीएस बनाने का तर्क

नए एमटीएस के निर्माण के लिए टेंडर निकाला गया है. जिसके बारे में बताया गया है कि मिनी ट्रांसफर स्टेशन के निर्माण के बाद घरों से कचरा कलेक्शन रेगुलर होगा. चूंकि गाड़ियां कचरा उठाने के बाद एमटीएस में जाएगी. वहां से कचरा अलग-अलग कर उसे झिरी के डंपिंग यार्ड में भेजा जाएगा. बता दें कि पहले भी नगर निगम ने कुछ ऐसी ही योजना बनाई थी. साथ ही बताया था कि एमटीएस को कुछ इस तरह बनाया जाएगा, जिससे कि बाहर से कचरा नहीं दिखेगा. लेकिन कुछ दिनों के बाद ही आधे से ज्यादा एमटीएस बंद हो गए. वहीं कचरा बाहर से ही लोगों को नजर आता है. इतना ही नहीं इससे निकलने वाले दुर्गंध से आसपास के लोग भी परेशान है.

एक एमटीएस पर 3 करोड़ हुए थे खर्च

नगर निगम ने सभी वार्डों को देखते हुए 13 मिनी ट्रांसफर स्टेशन का निर्माण कराया था. जिसमें एक-एक एमटीएस के निर्माण में लगभग 3 करोड़ रुपए खर्च किए गए थे. एमटीएस का स्ट्रक्चर बनाने के साथ ही वहां पर कांपैक्टर लगाए गए. लेकिन कुछ दिनों में ही आधे एमटीएस शोपीस बन गए. अब वहां पर डंपिंग यार्ड की तरह कचरा डंप किया जा रहा है. जिससे अंदाजा लगाया जा सकता है कि कैसे नगर निगम ने पैसों की बर्बादी की. अब फिर से जनता के पैसों से नए एमटीएस बनाने की तैयारी है.

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