केरल में सामने आए बर्ड फ्लू के मामले, घरेलू पक्षियों को मारने का आदेश

नई दिल्ली : केरल के अलाप्पुझा में बर्ड फ्लू के मामले सामने आए हैं. अधिकारिंयों ने इसकी पुष्टि करते हुए बताया कि एडथवा ग्राम पंचायत के वार्ड-एक के एक क्षेत्र और चेरुथना ग्राम पंचायत के वार्ड तीन के एक अन्य क्षेत्र में पालतू बत्तखों में बर्ड फ्लू के मामले सामने आए है. मामले की पुष्टि होने के बाद अलाप्पुझा के डीसी ने इन इलाकों में बत्तखों को मारने के आदेश दे दिए हैं, साथ ही एक किलोमीटर के दायरे में सभी पालतू पक्षियों को भी मारने के आदेश दिए गए हैं.

बत्तखों में बर्ड फ्लू के लक्षण

बता दें कि बर्ड फ्लू के मामले की पुष्टि तब हुई जब कुछ बत्तखों में बर्ड फ्लू के लक्षण दिखे और उन्हें जांच के लिए भोपाल की लैब में भेजा गया. जांच के बाद प्रशासन ने पुष्टि की कि बत्तखों में एवियन इन्फ्लूएंजा (H5N1) का संक्रमण पाया गया है. जिसके बाद केंद्र की कार्ययोजना के अनुसार डीसी की अध्यक्षता में बैठक हुई और एक किलोमीटर के दायरे में घरेलू पक्षियों को मारने का आदेश दिया गया. इसके लिए रैपिड एक्शन फोर्स का गठन किया जाएगा, जो इस काम को बखूबी करेगी. प्रशासन ने अपील की है कि बेवजह घबराने की जरूरत नहीं है, क्योंकि पक्षियों से इंसानों में इस बीमारी के फैलने की संभावना बहुत कम है.

जानें बचाव के तरीके

अमेरिका के Centers for Disease Control and Prevention के मुताबिक बर्ड फ्लू संक्रमित पक्षियों, मृत मुर्गे या संभावित रूप से संक्रमित जानवरों के साथ संपर्क से बचें. चिकन बनाते समय दस्ताने पहनें और उन्हें छूने के बाद अपने हाथों को साबुन और पानी से धोएं.

बर्ड फ्लू क्या है?

बर्ड फ्लू एक प्रकार का संक्रमण है जो श्वसन संबंधी समस्याओं का कारण बनता है. यह संक्रमण ज्यादातर बत्तखों, मुर्गियों और अन्य जंगली पक्षियों में देखा जाता है. यह संक्रमण पक्षियों से मनुष्यों में बहुत कम फैलता है, लेकिन जो लोग मुर्गियों या जंगली पक्षियों के लगातार संपर्क में रहते हैं, वे इस संक्रमण को फैला सकते हैं. बर्ड फ्लू के मामलों में आंखों का लाल होना, बुखार, खांसी या गले में खराश जैसे लक्षण दिखाई देते हैं. कुछ विशेषज्ञों का कहना है कि एवियन फ्लू तेजी से फैल सकता है और मृत्यु दर कोविड से अधिक हो सकती है.

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