बिहार: जादू-टोना का आरोप लगाकर बुजुर्ग की पीट-पीटकर कर हत्या, जमीन में दफनाया शव

आरा/भोजपुर जिले के तीयर थाना क्षेत्र के उत्तरदाहां गांव में जादू-टोना का आरोप लगाकर करीब डेढ़ माह पूर्व एक बुजुर्ग की पीट-पीटकर हत्या कर दी गई थी. इसके उसके शव को गांव के ही नदी के तट पर जमीन में दफना दिया गया. पुलिस ने उसका शव रविवार की सुबह नदी के तट पर जमीन खोदकर बरामद किया. इसके बाद शव को अपने कब्जे में लेकर उसका पोस्टमार्टम सदर अस्पताल में करवाया.

जानकारी के अनुसार मृतक उतरदाहां गांव निवासी जगदेवराम मुसहर का 60 वर्षीय पुत्र राजेंद्र राम है. इधर मृतक बुजुर्ग की बहू ज्ञानती देवी ने बताया कि डेढ़ माह पूर्व 27 अप्रैल 2021 को गांव के ही रामेश्वर की नातिन को खांसी-सर्दी एवं बुखार हुआ था. इसी बीच इलाज के दौरान उसकी मौत हो गई. उसकी मौत के बाद उसके नाना रामेश्वर अपने बेटों के साथ उसके घर पर आ धमके.

बेटों के साथ मिलकर उसके ससुर राजेंद्र राम पर जादू टोना करने का झूठा आरोप लगाकर उनकी पीट -पीट कर हत्या कर दी थी. इसके बाद उनके शव को गांव के ही नदी के तट पर जमीन में दफना दिया था. घटना के दूसरे दिन जब उसकी बहू ज्ञानती देवी स्थानीय थाना में शिकायत करने गई तो पुलिस ने कार्रवाई नहीं की.

करीब एक सप्ताह बाद मृतक की बहू ज्ञानती देवी द्वारा एसपी को लिखित आवेदन दिया गया था. जिसमें जादू-टोना का आरोप लगाकर अपने ससुर की हत्या करने एवं उसके शव को दफनाने का आरोप लगाकर गांव के ही रामेश्वर सहित 6 लोगों को नामजद किया गया था. एसपी से प्राथमिकी दर्ज करने की गुहार लगाई थी, लेकिन उसके बाद भी कोई कार्रवाई नहीं हुई.

जिसके बाद करीब एक माह बाद मृतक की बहू ज्ञानती देवी द्वारा इसी माह के 10 तारीख को एक बार फिर पुलिस अधीक्षक को लिखित आवेदन दिया गया. इसमें गांव छह लोगों नामजद किया गया था. जिसके बाद पुलिस ने कार्रवाई करते हुये पहले गांव के नदी के तट पर जाकर जमीन खोद उनके शव बरामद किया.

इसके बाद पुलिस ने त्वरित कार्रवाई करते हुए छापेमारी कर नामजद छह आरोपियों में पांच लोगों को गिरफ्तार कर लिया है. गिरफ्तार आरोपियों में उसी गांव के रामेश्वर मुसहर, दशरथ मुसहर, सुरेश मुसहर, संतोष मुसहर एवं छोटके मुसहर शामिल हैं. जबकि छठा आरोपी प्रमोद कुमार फरार हो गया.

वहीं दूसरी ओर सिविल सर्जन सह प्रभारी अधीक्षक डॉ.एल.पी. झा के द्वारा तीन डॉक्टरों की टीम गठित की गई. जिसमें ऑन ड्यूटी चिकित्सक डॉ. एस. के. प्रसाद, डॉ. शैलेन्द्र कुमार, डॉ. सुजीत कुमार शामिल थे. लेकिन डेढ़ महीने तक शव जमीन के अंदर गड़े रहने के कारण काफी सढ़-गल गया था और मौत का कारण स्पष्ट नहीं हो रहा. जिसके पश्चात एक्सपर्ट ओपिनियन के लिए शव को पोस्टमार्टम के लिए पटना पीएमसीएच रेफर कर दिया गया. पोस्टमार्टम रिपोर्ट आने के बाद ही कारण स्पष्ट हो पाएगा.