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    Home»धर्म/ज्योतिष»सुहाग और प्यार का प्रतीक है करवा चौथ, जानें इस दिन महिलाएं चंद्रमा की पूजा क्यों करती हैं
    धर्म/ज्योतिष

    सुहाग और प्यार का प्रतीक है करवा चौथ, जानें इस दिन महिलाएं चंद्रमा की पूजा क्यों करती हैं

    Team JoharBy Team JoharOctober 15, 2019No Comments2 Mins Read
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    Joharlive Desk

    हर वर्ष की तरह इस वर्ष भी 17 अक्टूबर गुरुवार को करवा चौथ के अवसर पर महिलाएं अपने पति की लंबी उम्र के लिए करवा चौथ का व्रत रखेंगी और चांद का दीदार करने के बाद ही अपना व्रत तोडेंगी। इस दिन महिलाएं छलनी में दीपक रखकर चांद की पूजा भी करती है । क्या आप जानते है कि करवा चौथ के दिन महिलाएं चंद्रमा की पूजा क्यों करती हैं। आइए जानते है करवा चौथ के व्रत में चांद की पूजा क्यों होती है।

    धार्मिक आधार पर देखें तो कहा जाता है कि चंद्रमा भगवान ब्रह्मा का रूप है। एक मान्यता यह भी है कि चांद को दीर्घायु का वरदान प्राप्त है और चांद की पूजा करने से दीर्घायु प्राप्त होती है। साथ ही चद्रंमा सुंदरता और प्रेम का प्रतीक भी होता है, यही कारण है कि करवा चौथ के व्रत में महिलाएं छलनी से चांद को देखकर अपने पति की लंबी उम्र की कामना करती है।

    • पौराणिक कथा

    पौराणिक कथाओं के अनुसार एक साहूकार की बेटी ने अपने पति की लंबी आयु के लिए करवा चौथ का व्रत रखा था पर अत्यधिक भूख की वजह से उसकी हालत खराब होने लगी थी, जिसे देखकर साहूकार के बेटों ने अपनी बहन से खाना खाने को कहा लेकिन साहूकार की बेटी ने खाना खाने से मना कर दिया। भाइयों से बहन की ऐसी हालत देखी नहीं गई तो उन्होंने चांद के निकलने से पहले ही एक पेड़ पर चढ़कर छलनी के पीछे एक जलता हुआ दीपक रखकर बहन से कहा कि चांद निकल आया है। बहन ने भाइयों की बात मान ली और दीपक को चांद समझकर अपना व्रत खोल लिया और व्रत खोलने के बाद उनके पति की मुत्यु हो गई और ऐसा कहा जाने लगा कि असली चांद को देखे बिना व्रत खोलने की वजह से ही उनके पति की मृत्यु हुई थी। तब से अपने हाथ में छलनी लेकर बिना छल-कपट के चांद को देखने के बाद पति के दीदार की परंपरा शुरू हुई ।

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