New Delhi : दिल्ली के लाल किला मेट्रो स्टेशन के पास हुए कार धमाके की जांच में बड़ा खुलासा हुआ है। जांच एजेंसियों को पता चला है कि धमाका करने वाला आतंकी ग्रुप हरियाणा के फरीदाबाद में स्थित अल फलाह यूनिवर्सिटी से जुड़ा हुआ था। सूत्रों के मुताबिक, इस साजिश की तैयारी जनवरी से ही चल रही थी।
डॉक्टर शाहीन शाहिद ने कबूला जुर्म
फरीदाबाद से गिरफ्तार डॉ. शाहीन शाहिद ने पूछताछ में बताया कि वह पिछले दो साल से विस्फोटक सामग्री जमा कर रही थी। एजेंसियों का कहना है कि शाहीन और उसके साथियों ने मिलकर एक ऐसा व्हाइट कॉलर टेरर मॉड्यूल बनाया था, जिसमें शिक्षित और पेशेवर लोग शामिल थे। यह मॉड्यूल जैश-ए-मोहम्मद और अंसार गजवत-उल-हिंद जैसे आतंकी संगठनों से जुड़ा हुआ था।
दूसरी कार भी बरामद
पुलिस ने शक जताया था कि धमाके में शामिल आतंकियों के पास दो कारें थीं। इनमें से एक लाल रंग की फोर्ड इकोस्पोर्ट बुधवार शाम फरीदाबाद के खंदावली गांव के पास से बरामद की गई। कार डॉ. उमर उन नबी के नाम पर रजिस्टर्ड थी, जो धमाके में मारा गया था।

प्रधानमंत्री मोदी पहुंचे अस्पताल
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी बुधवार को भूटान से लौटते ही सीधे LNJP अस्पताल पहुंचे। उन्होंने वहां धमाके में घायल लोगों से मुलाकात की और डॉक्टरों से इलाज की जानकारी ली। प्रधानमंत्री ने कहा कि “साजिश रचने वालों को किसी भी हालत में छोड़ा नहीं जाएगा।”
देशभर में 200 धमाकों की साजिश
जांच में सामने आया है कि इस ग्रुप का मकसद केवल दिल्ली में हमला करना नहीं था। आतंकियों ने देशभर में 200 आईईडी बम लगाकर 26/11 जैसे हमले की योजना बनाई थी। उनके निशाने पर लाल किला, इंडिया गेट, कॉन्स्टिट्यूशन क्लब, गौरी शंकर मंदिर, गुरुग्राम और फरीदाबाद समेत कई रेलवे स्टेशन और मॉल थे। एजेंसियों का कहना है कि आतंकी धार्मिक स्थलों पर हमला कर देश में सांप्रदायिक तनाव फैलाना चाहते थे। इसके लिए उन्होंने कश्मीर के पुलवामा, शोपियां और अनंतनाग के डॉक्टरों को चुना ताकि वे आसानी से यात्रा कर सकें और शक न हो।
सुसाइड कार ब्लास्ट नहीं था
पुलिस सूत्रों के मुताबिक, यह हमला सुसाइड कार बॉम्बिंग नहीं था। कार ने किसी बिल्डिंग या व्यक्ति को टक्कर नहीं मारी। धमाका वाहन के भीतर ही हुआ। उमर की पहचान उसके डीएनए से की जा रही है। मालूम हो कि यह धमाका सोमवार शाम करीब 6 बजकर 52 मिनट पर लाल किला मेट्रो स्टेशन के गेट नंबर-1 के पास हुआ था। इसमें 12 लोगों की मौत हुई और कई घायल हुए। शुरुआती जांच से पता चला है कि कार में वही विस्फोटक सामग्री थी, जो 10 नवंबर को फरीदाबाद से जब्त की गई थी।
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