Patna : भारतीय रेलवे ने पंडित दीनदयाल उपाध्याय (डीडीयू) से झाझा तक तीसरी और चौथी रेल लाइन बिछाने की बड़ी योजना पर काम शुरू कर दिया है। इस परियोजना की अनुमानित लागत करीब 17 हजार करोड़ रुपये है।
कहां-कहां बनेगी नई लाइन?
इस योजना के तहत डीडीयू से किऊल तक तीसरी और चौथी लाइन बिछाई जाएगी, जबकि किऊल से झाझा तक सिर्फ तीसरी लाइन बनाई जाएगी। राजेंद्रनगर से फतुहा के बीच तीसरी लाइन और नेऊरा-जटडुमरी होते हुए फतुहा तक चौथी लाइन का भी निर्माण होगा।
क्या हो रही है तैयारी?
रेलवे इंजीनियरिंग स्केल प्लान तैयार कर रहा है, जिसमें यह तय किया जा रहा है कि नई पटरियां कहां बिछेंगी, कितनी जमीन लगेगी, और स्टेशनों के पास से लाइन कैसे निकलेगी। कई हिस्सों की डिजाइन प्रक्रिया चल रही है और जल्द ही मंजूरी के लिए बोर्ड को भेजा जाएगा।
राज्य सरकार का सहयोग
हाल ही में रेलवे और बिहार सरकार के बीच हुई बैठक में इस परियोजना को लेकर कई अहम फैसले लिए गए। बिहार सरकार ने गुलजारबाग और पटना साहिब के बीच रेलवे को करीब चार मीटर जमीन देने की मंजूरी दी है। इससे तीसरी लाइन का काम आसान हो सकेगा। साथ ही, एक समानांतर एलिवेटेड सड़क और सर्विस रोड भी बनाई जाएगी, जिससे स्थानीय लोगों की आवाजाही में दिक्कत न हो।
क्यों है यह परियोजना जरूरी?
फिलहाल डीडीयू से झाझा के बीच हर दिन लगभग 280 से 292 ट्रेनें चलती हैं, जबकि ट्रैक केवल दो हैं। त्योहारों पर जब स्पेशल ट्रेनें चलाई जाती हैं, तब ट्रैफिक और भी बढ़ जाता है। ऐसे में तीसरी और चौथी लाइन बनने से ट्रेनों की रफ्तार और समयबद्धता बेहतर होगी।
क्या होगा फायदा?
इस योजना से रेल यात्रा ज्यादा सुगम होगी, ट्रेनें कम देर से चलेंगी, और यात्रियों को बेहतर सुविधा मिलेगी। साथ ही, इस क्षेत्र में आर्थिक विकास को भी बढ़ावा मिलेगा और रेलवे नेटवर्क की क्षमता और विश्वसनीयता में सुधार होगा।