Johar Live Desk : स्पेसएक्स ने बीती रात अपने विशाल रॉकेट स्टारशिप का दसवां परीक्षण सफलतापूर्वक पूरा किया। इस दौरान पहली बार आठ डमी सैटेलाइट्स को अंतरिक्ष में तैनात किया गया। स्टारशिप ने दक्षिण टेक्सस के ‘स्टारबेस’ लॉन्च स्थल से शाम साढ़े छह बजे के बाद उड़ान भरी और करीब एक घंटे तक पृथ्वी की कक्षा में चक्कर लगाने के बाद हिंद महासागर में सुरक्षित उतर गया।
दुनिया के सबसे बड़े और शक्तिशाली रॉकेट स्टारशिप का यह परीक्षण अंतरिक्ष अन्वेषण में एक बड़ी उपलब्धि माना जा रहा है। स्पेसएक्स और नासा इस रॉकेट का उपयोग भविष्य में चांद पर अंतरिक्ष यात्रियों को भेजने के लिए करेंगे। नासा इस दशक के अंत तक चांद मिशन के लिए दो स्टारशिप रॉकेट तैयार कर रहा है। स्पेसएक्स के सीईओ एलन मस्क का अंतिम लक्ष्य मंगल ग्रह तक मानव मिशन को संभव बनाना है।
Splashdown confirmed! Congratulations to the entire SpaceX team on an exciting tenth flight test of Starship! pic.twitter.com/5sbSPBRJBP
— SpaceX (@SpaceX) August 27, 2025
परीक्षण के दौरान सुपर हेवी बूस्टर को भी सफलतापूर्वक अटलांटिक महासागर में उतारा गया। इसकी लैंडिंग के लिए विशेष ‘लैंडिंग-बर्न’ प्रक्रिया का परीक्षण किया गया। स्टारशिप ने पृथ्वी की कक्षा में चक्कर लगाए, इस दौरान टेक्सस में दिन से रात और फिर दिन हुआ। इसके बाद रॉकेट ने हिंद महासागर में नियोजित लैंडिंग की, जहां इसके इंजन चालू होकर रॉकेट का मुंह ऊपर की ओर हुआ और यह सीधा पानी में उतरा।
पिछले एक साल में कई असफलताओं के बाद यह पहला सफल परीक्षण है। जनवरी और मार्च में हुए परीक्षण उड़ान भरने के कुछ मिनटों बाद ही विफल हो गए थे, और मलबा समुद्र में गिर गया था। मई में नौवां परीक्षण भी असफल रहा, जब स्पेसक्रॉफ्ट संतुलन खोकर टूट गया। इसके बाद स्पेसएक्स ने सुपर हेवी बूस्टर को फिर से डिजाइन किया, जिसमें बड़े और मजबूत पंख जोड़े गए। कंपनी ने इस महीने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर इसकी जानकारी साझा की थी।
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