Johar Live Desk : राजस्थान के मेडिकल क्षेत्र में एक बड़ा और चौंकाने वाला फर्जीवाड़ा उजागर हुआ है। जयपुर पुलिस ने भरतपुर के जगन्नाथ पहाड़िया मेडिकल कॉलेज में इंटर्नशिप कर रहे डॉक्टर सचिन गौरा को गिरफ्तार किया है। उस पर आरोप है कि उसने 2020 में NEET परीक्षा में पहचान बदलकर हिस्सा लिया था और फर्जी तरीके से MBBS सीट हासिल की।
720 में से 667 अंक मिले
पुलिस जांच के अनुसार सचिन ने अपने ही गांव के युवक अजीत गौरा के नाम पर परीक्षा दी, लेकिन आवेदन फॉर्म में अपनी फोटो लगाई। परीक्षा में उसने 720 में से 667 अंक प्राप्त किए और इसी आधार पर उसे जोधपुर AIIMS में दाखिला मिल गया था।
FIR दर्ज
यह फर्जीवाड़ा तब सामने आया जब जयपुर जिले के कचौलिया कस्बे के निवासी भीमराव गौरा ने SOG को मामले की शिकायत दी। इसके बाद जांच की जिम्मेदारी जयपुर पश्चिम ACP अशोक चौहान को सौंपी गई। पुलिस ने 15 मई को चौमूं थाने में FIR दर्ज की और जांच शुरू की।
क्या किसी बड़े रैकेट का हिस्सा?
भरतपुर से आरोपी सचिन गौरा को हिरासत में लिया गया है। साथ ही, असली नाम वाला अजीत गौरा, जिसने सचिन के बदले परीक्षा दी थी – को भी पूछताछ के लिए हिरासत में लिया गया है। पुलिस अब इस बात की तहकीकात कर रही है कि यह सिर्फ एक मामला है या किसी बड़े रैकेट का हिस्सा है।
जांच में जुटी पुलिस
अधिकारियों का मानना है कि यह मामला किसी संगठित गिरोह की ओर इशारा करता है, जो NEET जैसी प्रतिष्ठित परीक्षाओं में पहचान चोरी और फर्जी दस्तावेजों के जरिए छात्रों को एडमिशन दिलवाता है। मामले में और भी गिरफ्तारियां और खुलासे संभव हैं।
मेडिकल शिक्षा की विश्वसनीयता पर सवाल
इस मामले ने राजस्थान ही नहीं, बल्कि पूरे देश में मेडिकल शिक्षा प्रणाली की पारदर्शिता और सुरक्षा पर सवाल खड़े कर दिए हैं। यह घटना मेडिकल क्षेत्र में उभरती गंभीर नैतिक गिरावट और सुरक्षा चूक का प्रतीक बन गई है।
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