Ranchi : केंद्रीय ट्रेड यूनियनों ने 20 मई 2025 को राज्यव्यापी अभियान की शुरुआत की है। इस अभियान के तहत, 20 मई को केंद्रीय ट्रेड यूनियनों का संयुक्त मंच रांची के अल्बर्ट एक्का चौक पर सभा आयोजित करेगा। इससे पहले, संयुक्त मंच का प्रतिनिधिमंडल उपायुक्त के माध्यम से प्रधानमंत्री को ज्ञापन सौंपेगा।
यह जानकारी सोमवार को केंद्रीय ट्रेड यूनियनों की ओर से अल्बर्ट एक्का चौक स्थित भाकपा कार्यालय में आयोजित प्रेस वार्ता में दी गई। मौके पर कहा गया कि ट्रेड यूनियनों के संयुक्त मंच की ओर से 18 मार्च को दिल्ली में आयोजित राष्ट्रीय मजदूर सम्मेलन में घोषित 20 मई की देशव्यापी आम हड़ताल को वर्तमान परिस्थितियों को देखते हुए स्थगित करते हुए नौ जुलाई को आयोजित करने का निर्णय लिया गया है।
संयुक्त मंच की ओर से जानकारी दी गई कि राष्ट्रीय स्तर पर ट्रेड यूनियनों के संयुक्त मंच ने वर्तमान हालात की समीक्षा के बाद यह फैसला लिया है। देश के जिम्मेदार और देशभक्त नागरिकों के रूप में तमाम तैयारियां पूर्ण होने के बावजूद हड़ताल को स्थगित किया गया है।
संयुक्त मंच ने बताया कि हाल ही में जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए भयावह आतंकी हमले ने पूरे देश को शोक और गंभीर चिंता में डाल दिया है। ट्रेड यूनियनों ने इस कायरतापूर्ण हमले की तीव्र निंदा करते हुए आतंकवाद के खिलाफ ठोस कार्रवाई का समर्थन किया है। देश के मजदूर वर्ग की एकता और आतंकवाद के खिलाफ दृढ़ प्रतिबद्धता की भी प्रशंसा की गई है। साथ ही मंच ने सरकार से यह मांग की है कि मध्य प्रदेश के एक मंत्री सहित सभी विभाजनकारी व्यक्तियों और संगठनों के खिलाफ कठोर कार्रवाई की जाए।
संयुक्त मंच ने यह भी कहा कि देश में हड़ताल की घोषणा और लाखों नोटिसों के बावजूद, केंद्र और कई राज्य सरकारों के संरक्षण में नियोक्ता वर्ग मजदूरों पर हमले जारी रखे हुए हैं। काम के घंटों में मनमानी वृद्धि, न्यूनतम मजदूरी और सामाजिक सुरक्षा के अधिकारों का उल्लंघन और ठेका मजदूरों की गैरकानूनी छंटनी आम हो गई है। यह सब कुख्यात श्रम संहिताओं को चुपचाप लागू करने की साजिश का हिस्सा है। इतना ही नहीं, ट्रेड यूनियनों की लगातार मांग के बावजूद सरकार ने अब तक न तो किसी प्रतिनिधिमंडल से वार्ता की है, न ही भारतीय श्रम सम्मेलन बुलाया है।
मौके पर कहा गया कि विभिन्न सहयोगी यूनियनें 20 मई को अलग-अलग समय पर कार्यस्थलों पर विरोध प्रदर्शन करेंगी। इन प्रदर्शनों में चारों श्रम संहिताओं को रद्द करने और श्रमिकों की 17 सूत्रीय मांगों को प्रमुखता से उठाया जाएगा।
संयुक्त मंच ने सभी श्रमिकों, कर्मचारियों, जन संगठनों, छात्र-युवाओं, महिलाओं और किसानों से अपील की है कि वे इस संघर्ष को और अधिक मजबूत बनाएं और कॉर्पोरेटपरस्त नीतियों के विरुद्ध एकजुट होकर आवाज़ बुलंद करें।
इस मौके पर इंटक के लीलाधर सिंह, एटक के अशोक यादव, एक्टू के शुभेंदु सेन, सीटू के अनिर्बान बोस, प्रतीक मिश्रा, टीयूसीसी के राजेश यादव, बेफी के एमएल सिंह, कनक चौधरी ने संबोधित किया।
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