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    Home»जोहार ब्रेकिंग»ASSISTANT PROFESSOR के लिए अब NET की जरूरत नहीं, जानें एलिजिबिलिटी
    जोहार ब्रेकिंग

    ASSISTANT PROFESSOR के लिए अब NET की जरूरत नहीं, जानें एलिजिबिलिटी

    Sandhya KumariBy Sandhya KumariJanuary 7, 2025No Comments3 Mins Read
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    PROFESSOR
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    New Delhi : यूनिवर्सिटी ग्रांट कमीशन (UGC) ने ASSISTANT PROFESSOR के पद पर भर्ती के लिए एलिजिबिलिटी क्राइटेरिया में संशोधन किया है. नए मानदंडों के अनुसार उच्च शिक्षा संस्थानों में ASSISTANT PROFESSOR के रूप में नियुक्ति और पदोन्नति के लिए नेशनल एलिजिबिलिटी टेस्ट (NET) पास करना अब जरूरी नहीं होगा. इन ड्राफ्ट नॉर्मस का अनावरण केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने सोमवार को किया, जिसका उद्देश्य (ASSISTANT PROFESSOR) फैकल्टीज भर्ती और पदोन्नति में लचीलापन और समावेशिता लाना है.

    राष्ट्रीय शिक्षा नीति (NEP) 2020 के अनुसार, मसौदा मानदंड विश्वविद्यालयों को विभिन्न मल्टी डिस्पलिनरी बैकग्राउंड से शैक्षणिक कर्मचारियों को नियुक्त करने का अवसर देने और फैक्लटीज की नियुक्तियों के लिए वर्तमान पात्रता आवश्यकताओं से कठोरताको समाप्त करने पर ध्यान केंद्रित करते हैं.

    दिल्ली में यूजीसी मुख्यालय में आयोजित विमोचन कार्यक्रम के दौरान प्रधान ने कहा, “ये मसौदा सुधार और दिशा-निर्देश उच्च शिक्षा के हर पहलू में इनोवेशन, समावेशिता, लचीलापन और गतिशीलता लाएंगे.” उन्होंने कहा कि शिक्षाविदों ने भ्रष्टाचार नियमों को उच्च शिक्षा को मजबूत करने की दिशा में ‘प्रगतिशील’ कदम बताया है.

    मिली जानकारी के अनुसार यूजीसी प्रमुख जगदीश कुमार ने कहा, “संशोधित नियम यह सुनिश्चित करते हैं कि कठोर योग्यता के बजाय ज्ञान और समुदाय में योगदान को महत्व दिया जाए.” उन्होंने कहा कि ये नियम मल्टीडिस्पलिनरी बैकग्राउंड से फैकल्टी मेंबर्स के सेलेक्शन की सुविधा भी देते हैं.

    बताते चलें कि कॉलेज में शिक्षकों की नियुक्ति के लिए ये मानदंड न्यूनतम योग्यता पर मौजूदा 2018 विनियमन की जगह लेंगे. 2018 के रेगूलेशन के अनुसार असिस्टेंट प्रोफेसर के पदों की भर्ती के लिए उम्मीदवारों के लिएपोस्ट ग्रेजुएशन के बाद NET पास होना अनिवार्य था.

    मुख्य परिवर्तन : 

    अब एंट्री लेवल पोस्ट के लिए नेट की आवश्यकता नहीं होगी. नए मानदंड विश्वविद्यालयों को पीएचडी योग्यता और अन्य मानदंडों के आधार पर उम्मीदवारों को नियुक्त करने की अनुमति देते हैं. जो व्यक्ति अपने मेन सब्जेक्ट से अलग विषय नीट करता है तो वे उस विषय को भी पढ़ा सकते हैं, जिसमें उन्होंने NET के लिए क्वालिफाई है.

    जिन उम्मीदवारों ने अपनी ग्रेजुएशन डिग्री से अलग किसी विषय में NET या SET पास किया है, वे अपनी योग्यता के विषय में असिस्टेंट प्रोफेसर पदों के लिए आवेदन कर सकते हैं. प्रोन्नति के लिए पीएचडी – जबकि प्रवेश स्तर के पदों के लिए अब NET की आवश्यकता नहीं है. एसोसिएट प्रोफेसर और प्रोफेसर की भूमिकाओं में पदोन्नति के लिए पीएचडी आवश्यक है.

    नए दिशा-निर्देशों ने अकादमिक परफोर्मेंस इंडेक्स सिस्टम को भी समाप्त कर दिया है, जिसका उपयोग फैकल्टी मेंबर्स की पदोन्नति के लिए किया जाता था. यूजीसी प्रमुख जगदीश कुमार के अनुसार, चयन समितियां अब उम्मीदवारों का मूल्यांकन उनके व्यापक शैक्षणिक प्रभाव के आधार पर करेंगी, जिसमें शिक्षण में इनोवेशन, टेक्नोलॉजी डेवलपमेंट, उद्यमिता, बुक राइटिंग, डिजिटल शिक्षण संसाधन, समुदाय और सामाजिक योगदान, भारतीय भाषाओं और ज्ञान प्रणालियों का प्रचार, स्थिरता अभ्यास और इंटर्नशिप, परियोजनाओं या सफल स्टार्टअप का पर्यवेक्षण शामिल है.

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